NIELIT DOEACC CCC Basics of Computer Network Study Material in Hindi
NIELIT DOEACC CCC Basics of Computer Network Study Material in Hindi:- NIELIT (DOEACC) CCC Study Material, CCC Study Materiel in Hindi व Notes की इस पोस्ट में आप सभी का स्वागत करते है | CCC Important Study Material PDf Download की इस पोस्ट में आज हम आपको Introduction to The Internet, WWW and Web Browsers के बारे में बतायेंगे | CCC Previous Paper की इस पोस्ट में आप Basics of Computer Network Study Material in PDF भी पड़ेंगे | हमने अपनी पिछली पोस्टो में आपको CCC Question Answer और CCC Study Materiel in English की पोस्ट भी पढ़ने के लिए Update की है | आप निचे दिए गये लिंक पर जाकर पिछली पोस्टो को भी पढ़ सकते है | इन्टरनेट, डब्लू डब्लू डब्लू और वेब ब्राउजर्स का परिचय (Introduction to the Internet, WWW and Web Browsers) परिचय (Introduction) संचार (कम्युनिकेशन) इन्टरनेट का सबसे महत्वपूर्ण उपयोगो में से एक है, और एक स्थान पसे दुसरे स्थान तक देता के ट्रांसमिशन में रूप में परिभाषित किया जाता है | इन्टरनेट ने लोगो के लिए कंप्यूटर द्वारा आपस में बात करना आसान बना दिया है | इन्टरनेट पर संचार का सबसे लोकप्रिय तरीका इलेक्ट्रॉनिक मेल (ई-मेल) है | कम्युनिकेशन का मतलब किसी कम्युनिकेशन मीडियम से इन्फोर्मेशन का आदान प्रदान करना है | इन्टरनेट की मदद से कम्युनिकेशन की प्रक्रिया सरल हो गयी है | उद्देश्य (Objectives) पाठक निम्नलिखित बिन्दुओ को समझने में सक्षम हो जायेगा:- कंप्यूटर नेटवर्क के आधार
- इन्टरनेट की मूल बातें
- इन्टरनेट की सर्विसिज
- इन्टरनेट एक्सेस के लिए कंप्यूटर को तैयार करना
- वेब ब्राउसर सॉफ्टवेयर
- वेब ब्राउसर को कन्फिगर करना
- खोज इंजन
- वेब ब्राउसर को एक्सेस करना
- वेब पेज डाउनलोडिंग
- वेब पेज प्रिंट करना
- डेटा और फाइल शेयरिंग: डेटा और फाइलों को शेयरिंग करने में उपयोगकर्ता की मदद करता है |
- हार्डवेयर शेयरिंग: उपकरणों जैसे प्रिंटर, स्कैनर आदि की शेयरिंग करने में उपयोगकर्ता की मदद करता है |
- सॉफ्टवेयर शेयरिंग: एक नेटवर्क के भीतर सॉफ्टवेयर की आसानी से शेयरिंग करने में मदद करता है |
- रिलायबिलिटी: उपयोगकर्ता विभिन्न नेटवर्क्स पर अपनी फाइल की एक से अधिक कॉपी स्टोर कर सकते है|

CCC Study Material in Hindi
- क्लाइंट: सर्वर के अलावा अन्य कंप्यूटर, यह आम नेटवर्क का एक हिस्सा है |
- सर्वर: यह वह कंप्यूटर है जो शेयर की गयी फाइल्स, प्रोग्राम्स और नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम को रखता है |
- ट्रांसमिशन मिडिया: कंप्यूटर नेटवर्क के विभिन्न घटकों जिनके माध्यम से फिजिकल डिवाइस आपस में जुड़े होते है |
- नेटवर्क इंटरफेस कार्ड: यह नेटवर्क और कंप्यूटर के बीच देता के आदान-प्रदान को नियंत्रित करता है |
- प्रोटोकॉल : डेटा के ट्रांसमिशन के तरीके में इस्तेमाल किये जाने वाले नियमो का एक सेट |
- संसाधन: पर्टिकुलर कंप्यूटर नेटवर्क पर उपलब्ध हार्डवेयर |
- रिपीटर: यह डिवाइस ओ.एस.आई. (ओपन सिस्टम्स इंटरकनेक्शन) मॉडल की फिजिकल लेयर पर ओपरेट होती है तथा दो लैंस (LANs) को आपस में कनेक्ट करती है |
- हब: यह सेन्ट्रल हब या सर्वर की तरह कई कंप्यूटर्स को सेंट्रली कनेक्ट करने का कार्य करता है |
घटक | लोकल एरिया नेटवर्क | मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क | वाइड एरिया नेटवर्क |
नेटवर्क के प्रकार | छोटे सिंगल साईट के नेटवर्क | यह डेटा नेटवर्क शहरों के लिए बने है | | लोकल एरिया नेटवर्क का एक समूह जो बहुत बड़े जियोग्राफिकल एरिया में स्थित हो सकते है | |
कवरेज एरिया | यह कम दुरी (लगभग 1 किमी) में स्थित नेटवर्क में लगी डिवाइस को कनेक्ट करता है | | यह लोकल एरिया नेटवर्क से बड़े परन्तु वाइड एरिया नेटवर्क से छोटे नेटवर्क्स को कनेक्ट करता है | | यह पुरे संसार भर में फैला हो सकता है | |
दुरी | सीमित | सीमित | असमिति |
नोड | डेस्कटॉप | डेस्कटॉप या मिनी कंप्यूटर | डेस्कटॉप |
माध्यम | ट्विसटेड पेअर केबल, फाइबर ऑप्टिक्स, एवं कोएक्सिअल केबल | डेस्कटॉप या मिनी कंप्यूटर ट्विस्टेड पेअर केबल, फाइबर ऑप्टिक्स | ट्विस्टेड पेअर केबल, फाइबर ऑप्टिक्स, कोएक्सिअल केबल, सैटेलाईट के लिए वायरलेस | |
गति | अत्यधिक – 1000 एम्.बी.पी.एस. | अत्यधिक – 100 से 1000 एम्.बी.पी.एस | कम – 10 से 100 एम्.बी.पी.एस. |
- गेटवे: यह दो अलग-अलग नेटवर्क को एक साथ जोड़ता है |
- स्विच: यह वे हार्डवेयर डिवाइसेस है जो की कई कंप्यूटर्स को लैंस (LANs) के साथ जोड़ता है |
- ब्रिज: यह सेन्डर की साईट पर एनालोग सिंग्नल को डिजिटल सिग्नल (modulator) में परिवर्तित करने का कार्य करता है और रिसीवर साईट पर डिजिटल सिग्नल को वापस एनालोग सिग्नल (demodulator) में परिवर्तित करता है |
- बीएस टोपोलॉजी: सभी नेटवर्क कंपोनेंट्स एक ही लाइन के साथ जुड़े होते है | चित्र 2 देखें |
- स्टार टोपोलॉजी: इस टोपोलॉजी में पेरिफरेल नोड्स एक सेन्ट्रल नोड से जुड़े होते है, जो नेटवर्क भर में किसी भी नोड से प्राप्त सिग्नल को सभी नोड्स को रि-ब्राडकास्ट करता है (चित्र 3 देखें)

CCC Study Material
- रिंग टोपोलॉजी : इस टोपोलॉजी में डेटा एक टोकन के रूप में नेटवर्क में वितरित होता है | चित्र 5 देखें |

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- ट्री टोपोलॉजी : इस टोपोलॉजी में नोड्स एक पेड़ के रूप में व्यवस्थित होती है, जिसमे केन्द्रीय नोड और अधिक उपकरणों को जुड़ने का माध्यम बनती है | चित्र 6 देखें |

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ट्रांसमिशन मिडिया (Transmission Media) (CCC Study Material Questions Answer in Hindi)
फिजिकल मिडिया जिसके माध्यम से डेटा एक स्थान से दुसरे स्थान में ट्रांसमीट होता है | कंप्यूटर ट्रांसमिशन में इस्तमाल ट्रांसमिशन मिडिया को निम्नलिखित दो श्रेणियों में बाँटा गया है:- गाइडेड मिडिया / वायर्ड प्रोधोगिकी : इसमें डेटा सिग्नल एक विशिष्ट केबल सिस्टम के मिडिया से घिरा होता है और इसी मिडिया पाथ पर सिग्नल ट्रेवल करता है |
- कोएक्सिअल केबल : यह उच्च आवृत्ति के सिग्नल ले जाता है | इसमें आंतरिक कंडक्टर होता है जो की इलेक्ट्रिकल सिग्नल को ट्रांसमिट करता है | चित्र 7 देखें |

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- टिवस्टेड पेयर केबल : यह हल्का, आसानी से इनस्टॉल होने वाला, सस्ता और एक साथ आपस में लिपटे दो ताँबे के तारो का समूह होता है, जो एक इंसुलेटिंग मैटेरिअल द्वारा घिरा होता है | इन तारो में से एक तार रिसीवर के संकेतो को ले जाने का कार्य करता है और दूसरा ग्राउंड रिफरेन्स के लिए प्रयोग किया जाता है | चित्र 8 देखें |

DOEACC CCC Study Material in Hindi
- फाइबर ओटिक्स : ये उच्च बैद्विद्थ पर लम्बी दुरी तक प्रसारण करने में मदद करती है | इसमें एक गिलास (कांच) का कोर होता है जोकि एक काँच की दूसरी परत से घिरा होता है जिसे क्लैन्डिंग कहते है, ये क्लैन्डिंग फिर एक प्लास्टिक की एक सुरक्षात्मक कोटिंग के द्वारा कवर किया जाता है जिसे जैकेट कहा जाता है | चित्र 9 देखें |

DOEACC CCC Study Material in PDF
- अनगाईडेड मिडिया/वायरलेस तकनीक : इसमें इन्फोर्मेशन को किसी केबल के उपयोग के बिना दो डिवाइसेस के बीच एक्सचेंज किया जा सकता है | कुछ अनगाइडेड मिडिया निम्नलिखित है :
- ब्लूटूथ : ब्लूटूथ के मुख्य उपयोग तारो के प्रयोग को खत्म करना है | ब्लूटूथ ‘एरिक्सन’ द्वारा 1994 में खोजा गया था, यह कम पावर, कम दुरी (30 फुट) की नेटवर्किंग टेक्नोलॉजी है, जो प्रति सेकेण्ड 800 किलोबाईट की ट्रांसमिशन स्पीड देती है | चित्र 10 देखें |

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- इन्फ्रारेड प्रौधोगिकी : इसे मुख्य रूप से टीवी रिमोट में इस्तेमाल किया जाता है, इसमें उच्च आवृत्ति की वेव का उपयोग कम दुरी के संचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है | चित्र 11 देखें |

NIELIT CCC Study Material in Hindi
- रेडियो वेव ट्रांसमिशन : इसमें ट्रांसमिशन, रेडियो वेव के द्वारा होता है जो ओमिनी डायरेक्शन (सर्वदिशात्म्क) होती है, ये स्पेस में भी ट्रेवल कर सकती है और लम्बी दुरी तय कर सकती है | चित्र 12 देखें)

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- माइक्रो वेव ट्रांसमिशन : इसमें इलेक्ट्रो मैग्नेटिक वेव का उपयोग ट्रांसमिशन के लिए होता है जिनकी फ्रीक्वेंसी 0.3 से 300 गीगाह्ट्ज की होती है | फिगर 13 देखें |

CCC Study Material and Notes
- सैटलाइट संचार : इसका उपयोग बहुत दुरी के ट्रांसमिशन के लिए किया जाता है | इसमें एक अर्थ स्टेशन से प्राप्त सिग्नल्स को बढ़ा कर उसे 100 मील दूर स्थित अन्य अर्थ स्टेशन में ऋट्रांसमिट किया जाता है | चित्र 14 देखें |

CCC Notes in Hindi
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