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NELIT DOEACC Viewing an Email Study Material in Hindi

  NELIT DOEACC Viewing an Email Study Material in Hindi:- NELIT (DOEACC) CCC Study Material in PDF की इस पोस्ट में आप सभी का फिर से स्वागत करते है आज की CCC Study Material in Hindi की पोस्ट में आप सीखने जा रहे है Internet पर Viewing an Email (CCC Study Material) कैसे देखते है | इसी पोस्ट में आप Email बनाना भी सीखेंगे जो CCC Exam Paper में सहायक होंगे | Internet Email में से CCC Questions को पूछा जाता है कृपया सभी अभ्यर्थी इस पोस्ट को ध्यान से पढ़े |

ई-मेल देखना  (Viewing an E-mail) (CCC Study Mateiral)

यूजर अपना ई- मेल अकाउंट बनाकर अपने ई-मेल अकाउंट में यूजर नेम तथा पासवर्ड को एंटर करके, इसमें साइन-इन करके अपने ई-मेल को देख सकते हैं (चित्र 6.7 देखे) । एक बार लॉगइन सक्सेसफुल हो जाने के बाद यूजर अपने इनबॉक्स (आये हुए ई-मेल की लिस्ट) में ईमेल्स् को डेट के अनुसार, सेन्डर नेम के अनुसार, और सब्जेक्ट के अनुसार देख सकता है। मैसेज पढ़ने के लिए, माउस कर्सर को मैसेज के ऊपर ले जाकर क्लिक करें। चित्र 6.7 :- जीमेल अकाउंट साइन इन फॉर्म 
CCC Study Material

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मेलबॉक्सः इनबॉक्स और आउबॉक्स (Mailbox: Inbox and Outbox) (CCC Study Material in Hindi)

इलेक्ट्रॉनिक मेल प्राप्त करने के लिए, उपयोगकर्ता के पास एक मेलबॉक्स होना चाहिए, ह एक स्टोरेज एरिया होता है जो कि भैजे गए ई-मेल संदेर्शो को तब तक स्टोर करके रखती है जब तक ई-मेल का उपयोगकर्ता उन्हें पढ़ नहीं लेता। एक मैसेज जैसे ही आता है, ई-मेल सॉफ्टवेयर स्वचालित रूप से उपयोगकर्ता के मेलबॉक्स में इसे स्टोर कर देता है।
  • इनबॉक्सः इसमें आने वाले ई-मेल स्टोर होते हैं, इनबॉक्स में ई-मेल डेटा व टाइम के अनुसार ऊपर और नीचे डिस्प्ले होते हैं। जिसका मतलब है कि हाल ही में आया मैसेज इनबॉक्स में सबसे ऊप और सबसे पुराना मैसेज सबसे नीचे दिखाई पड़ता है (चित्र 6.8 देखें)।
  • आउटबॉक्सः यह वह स्थान है जहाँ ई-मेल भेजने से पहले स्टोर किया जाता है (6.8 देखें)।
  • ड्राफ्टः यह वह स्थान है जहाँ ऐसे मैसेज (ड्राफ्टेड मेलस्) को स्टोर किया जाता है जो भेजे न गए हों (चित्र 6.8 देखें)।
  • सेंट आइटमः यह वह स्थान है जहाँ ऐसे मैसेज को स्टोर किया जाता है जो सेंट किये जा चुके हैं (चित्र 6.8 देखें) ।
चित्र 6.8 इनबॉक्स और आउटबॉक्स   
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एक नया ई-मेल संदेश बनाना और उसे भेजन (Creating and Sending a New E-mail Message) (CCC Study Material in PDF)

एक ई-मेल बनाने के लिए, Gmail में कंपोज बटन पर क्लिक करें और outlook में न्यू मेल पर क्लिक करें, अब जो भी विंडो खुलती है उसमे To टेक्स्ट बॉक्स में रिसीवर का ई-मेल एड्रेस डालें। इसके बाद Subject टेक्स्ट बॉक्स में ईमेल की हेडिंग डालें तथा पूरे ई-मेल टेक्स्ट को Body सेक्शन में लिख दैं। CC टेक्स्ट बॉक्स मे उन रिसीवर्स का ई-मेल एड्रेस डालें जिन्हें आप ई-मेल की एक कॉपी भेजना चाहते हैं। जीमेल में अगर आप ई-मेल को CC या BCC करना चाहते हैं। हैं तो आप को CC या BCC हाइपरलिंक पर क्लिक करना होगा। CC या BCC टेक्स्ट बॉक्स खुल जायेगा। अब आप इसमें ई-मेल एड्रेंस डालसकते हैं। ई-मेल सेंड करने के लिए सेंड बटन को क्लिक कर दें। ई-मेल तुरन्त ही रिसीवर्स को डिलीवर कर दिया जाता है। ई-मेल की शब्दावली (E-mail Terminology)
  • टूः ई-मेल एड्रेस/प्राथमिक प्राप्तकता (ओं) के ई-मेल पते।
  • फ्रॉमः प्रवर्तक या ई-मेल के निर्माता का ई-मेल पता।
  • सीसीः ई-मेल ऐड्रेस/माध्यमिक प्राप्तकर्ता (ओं) के ई-मेल अड्रेसेस जिन्हें इ-मेल की एक कॉपी भेजना है। यह सुविधा आपको किसी दूसरे प्राप्तकर्ता को मेल की एक प्रति (यानी कार्बन कॉपी) भेजने की सुविधा देती है। इस मामले में प्राथमिक व माध्यमिक प्राप्तकर्ताओं को एक ही संदेश मिलता है।
  • बीसीसीः ई मेल एड्रेस/माध्यमिक प्राप्तकर्ता (ओं) के ई-मेल अड्रेंसेस जिन्हें ई-मेल की एक कॉपी भेजना है। इसमें प्राथमिक प्राप्तकर्ता को यह नहीं पता चलता है कि मेल की एक प्रति (यानी कार्बन कॉपी) किसी और को भेजी कई है।
  • सेन्डरः वास्तविक प्रेषक का ई-मेल पता।
  • रिसीवरः यह कुछ ऐसी लाइन हैं जोकि ट्रासफर-एजेंट की तरह से जोड़ी जाती हैं। इसमें टॉन्सफर-एजेंट की पहचान, संदेश प्राप्त किए जाने की तारीख और मसय आदि लिखा होता है।
  • रिटर्न पाथः इसे प्रेषक तक वापस आने वाले पाथ की पहचान करने के ले इस्तमाल किया जा सकता है।
 ई-मेल के अतिरिक्त हेडर फील्ड  (Additional Header Fields in an E-mail)
  • डेटः मैसेज भेजने का दिनाक और समय।
  • रिप्लाई-टूः वह ई-मेल एड्रेस जिस पर रिप्लाई करना है।
  • इन रिप्लाई-टूः रिप्लाई का मैसेज आइडेंटिफिकेशन नंबर।
  • मैसेज-आईडीः एक अदितीय संख्या जिससे मैसेज की पहचान करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • रिफरेन्सः अन्य मैसेज आइडेंटिफिकेशन नंबर।
  • की-वर्ड्सः उपयोगकर्ता द्वारा चयनित की-वर्ड्स।
  • सब्जेक्टः एक लाइन में प्रदर्शन होने वाला संदेश का सारांश।
हेडर में मैसेज भेजने का दिनाक और समय, मैसेज का सब्जेक्ट, कार्बन कॉपी सेंट संबधी जानकारी, अटैच फाइल्स से संबंधी जानकारी, और सेन्डर का ई-मेस एड्रेस आदि होता है।
  • बॉडीः मेल मैसेज पूरे ई-मेल का प्राथमिक स्थान होता है क्योकिं यह ई-मेल का वास्तविक संदेश इसमें ही होता है। वैसे तो एक ई-मेल संदेश के आकार (वर्णो की संख्या) के लिए कोई सीमा नहीं है, लेकिन कुछ इंटरनेट सेवा प्रदाता ई-मेल संदेश के आकार को सीमित करते हैं।
  • अटैचमेंट्सः अटैचमेंट्स फीचर की वजह से ही ई-मेल कारोबारियों के लिए और अधिक आकर्षक का केन्द बन गया क्योंकि इसके द्वारा उपयोगकर्ता किसी भी ई-मेल संदेश के साथ फाइल को संलग्न कर सकते हैं। किसी भी तरह का फाइल फॉर्मेट जैसे वर्ड प्रोसेसिंग डॉक्यूमेंट, स्प्रेडशीट, इमेज, या वीडियो फाइल आदि को ई-मेल मैसेज के साथ संलग्न किया जा सकता है। ई-मेल जटिल (काम्प्लेक्स) डेटा को मैसेज की बॉडी में डालने के स्थान पर अटैचमेंट्स के रूप में ही भेजता है।
  • सिग्नेचरः एक ई-मेल संदेश के लिए हस्ताक्षर, सेन्डर की व्यक्तिगत जानकारी होती है जोकि स्वचलित रूप से भेजे जाने वाले संदेश के तल पर दिखाई देता है। सिग्नेचर का उपयोग वैकल्पिक होता है। एक सिग्नेचर में आप जो चाहें वह जानकारी प्रदान कर सकतै है।
  • बाउंस मेलः यह वह ई-मेल मैसेज है जोकि अपने गंतव्य तक पहुंचने में नाकाम रहा है और इसलिए यह ई-मेल संदेश भेजने वाले के पास वापस आ जाता है।

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