LLB 1st Year Semester Law of Contract 1 Question Paper Answer
LLB 1st Year Semester Law of Contract 1 Question Paper Answer:- Hello Friends LLB 1st Year 1st Semester Free Online Books Law of Contract 1 (16th Edition) Appendix 2 Question Bank Part 2 में आज LLB Objective Question Paper With Answer Complete करने जा रहे है | LLB Notes Study Material की इस पोस्ट में आपने पिछली पोस्ट में LLB Question Answer Sample Model Papers First Part in Hindi English (PDF Download) पढ़ा था जिसके बाद हम इस पोस्ट को शेयर कर रहे जो LLB Question Answer Papers को Complete करता है |
प्रश्न 61-वैध संहिता के आवश्यक तत्वों में से एक तत्व(क) सम्मति है।
(ख) स्वतन्त्र सम्मति है।
(ग) प्रस्ताव है।
(घ) स्वीकृति है।।
प्रश्न 62 निम्नलिखित में कौन-सा सही है–
(क) जब कि दो या अधिक व्यक्ति एक ही वात के बारे में करार करते हैं जब उनके बारे में कहा जाता है कि वे सम्मत हुए।
(ख) जब कि दो या अधिक व्यक्ति एक ही बात पर करार करते हैं तब उनके बारे में कहा जाता है कि वे समार हुए। 0
(ग) जब कि दो या अधिक व्यक्ति एक ही बात पर एक ही भाव में करार करते हैं तब उनके बारे में कहा जाता है कि वे सम्मत हुए। 0
(घ) जब कि दो या अधिक व्यक्ति एक चीज के बारे में एक दूसरे को प्रतिफल देने का करार करते हैं तब उनके बारे में कहा जाता है कि वे सम्मत हुए। 0
प्रश्न 63–सम्मति तब स्वतन्त्र होती है जबकि वह–
(क) उत्पीड़न या असम्यक् असर से न कराई गयी हो।
(ख) उत्पीड़न या असम्यक् असर या कपट से न कराई गयी हो।
(ग) उत्पीड़न या कपट या मिथ्या व्यपदेशन से न कराई गई हो।
(घ) उत्पीड़न या असम्यक् असर या कपट या मिथ्या व्यपदेशन या भूल से न कराई गयी हो।
प्रश्न 64-‘उत्पीड़न‘ की निम्नलिखित में से कौन-सी सही परिभाषा है ?
(क) उत्पीड़न ऐसे किसी कार्य को करना या करने की धमकी देना है जो भारतीय दण्ड संहिता द्वारा निषिद्ध तथा जो इस आशय से किसी व्यक्ति को करार में प्रवेश कराया जाय। 0
(ख) उत्पीड़न ऐसे किसी कार्य को करना या करने की धमकी देना है जो भारतीय दण्ड संहिता द्वारा निषिद्ध है या किसी सम्पत्ति को विधि-विरुद्ध निरुद्ध करना है।
(ग) उत्पीड़न ऐसे किसी कार्य को करना या करने की धमकी देना है जो कि भारतीय दण्ड संहिता द्वारा निषिद्ध है या किसी सम्पत्ति को किसी व्यक्ति पर चाहे वह कोई हो, प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए विधि-विरुद्ध करना या उसकी धमकी देना इस आशय से कि किसी व्यक्ति को किसी करार में प्रवेश कराया जाय।
(घ) किसी सम्पत्ति को किसी व्यक्ति पर, चाहे वह कोई हो, प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए इस आशय से किसी करार में प्रवेश कराय जाय, विधि विरुद्ध करना या निरुद्ध करने की धमकी देना है।
प्रश्न 65-‘अ‘ ने अपने पुत्र ‘ब‘ की अवयस्कता की अवधि में उसे कुछ धन ऋण के रूप में दिया। ‘ब‘ के वयस्क होने पर ‘अ‘ ने अपने पैतृक प्रभाव का नाजायज लाभ उठाते हुये उक्त ऋण के एवज में काफी अधिक धन का एक बाण्ड लिखा लिया।
उपर्युक्त वाद का निम्नलिखित में से कौन-सा निर्णय है-
(क) यह करार ऐसी संविदा है जो ‘ब’ के विकल्प पर शून्यकरणीय है।
(ख) पैतृक प्रभाव के नाजायज प्रयोग के बाजजूद यह एक वैध करार है।
(ग) यह करार अवैध है।
(घ) चूँकि ‘अ’ ने असम्यक् असर का प्रयोग किया है अतयह करार ऐसी संविदा है जो ब के विकल्प पर शून्यकरणीय है तथा संविदा को या तो पूर्णतया समाप्त किया जा सकता है अथवा उन निबन्धनों एवं शर्तों पर समाप्त किया जा सकता है जिन्हें न्यायालय उचित समझता है।
प्रश्न 66-‘अ‘ ‘ब‘ के हाथ नीलाम द्वारा एक घोड़ा विक्रय करता है। ‘अ‘ जानता है कि घोड़ा अस्वस्थ है फिर भी वह ‘ब‘ से इस विषय में कुछ नहीं कहता है ।
उपर्युक्त वाद का निम्नलिखित में से कौन-सा सही उत्तर है ?
(क) यह ‘अ’ द्वारां कपट है।
(ख) ‘ब’ ने घोड़ा भूल से खरीदा अत: करार शून्य है।।
(ग) यह ‘अ’ द्वारा कपट नहीं है क्योंकि केवल चुप रहना कपट नहीं होता है। –
(घ) ‘अ’ द्वारा मिथ्या व्यपदेशन होने के कारण यह कगर ऐसी संविदा है जो ‘ब’ के विकल्प पर शून्यकरणीय है।
प्रश्न 67–’अ‘ एक सम्पत्ति का. ‘ब‘ के जीवनकाल तक अधिकारी था। ‘अ‘ इस सम्पत्ति को ‘स‘ को बेचने का करार करता है। करार के समय ‘ब‘ की मृत्यु हो गयी थी परन्तु ‘अ‘ तथा ‘स‘ दोनों को इसका ज्ञान नहीं था।
उपर्युक्त वाद में निम्नलिखित में कौन-सा सही निर्णय होगा ?
(क) ‘अ’ तथा ‘स’ के मध्य करार एक वैध संविदा है।
(ख) यह करार शून्यकरणीय है।
(ग) करार से होने वाली हानि के लिए ‘अ’ जिम्मेदार होगा। –
(घ) यह करार शून्य है कि क्योंकि करार के दोनों पक्षकारों ने करार के एक आवश्यक तथ्य के बारे में भूल की थी।
प्रश्न 68-एक सम्पत्ति के विक्रय के सम्बन्ध में ‘अ‘ तथा ‘ब‘ के मध्य एक मौखिक करार हुआ। जब करार को लिखित रूप में परिणित किया गया तो भूल से सम्पत्ति के पास का आँगन (Court-yard) शामिल कर लिया गया। विक्रेता ने न्यायालय से करार शुद्धिकरण की प्रार्थना की।
निम्नलिखित में से कौन-सा सही उत्तर है ?
(क) पक्षकार लिखित करार (जिसमें पास का आँगन भी शामिल है) से बाध्य है तथा न्यायालय इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
(ख) न्यायालय के शुद्धिकरण का आदेश दे सकता है जिससे कि लिखित करार मौखिक करार के अनुरूप बताया जाय।।
(ग) विक्रेता के विकल्प पर संविदा शून्यकरणीय है। –
(घ) न्यायालय पूर्ण करार को शून्य घोषित कर सकता है।
प्रश्न 69–किसी संविदा को असम्यक् असर द्वारा प्रभावित तब कहा जाता है जब–
(क) एक पक्षकार दूसरे की इच्छा को अधिशासित करता है।
(ख) पक्षकारों के मध्य सम्बन्ध ऐसे हैं कि एक पक्षकार दूसरे पक्षकार की इच्छा को अधिशासित करता है।
(ग) एक पक्षकार दूसरे पक्षकार से अनुचित लाभ प्राप्त करता है।
(घ) पक्षकारों के मध्य सम्बन्ध ऐसे हैं कि एक पक्षकार दूसरे पक्षकार की इच्छा को अधिशासित करने की स्थिति में है तथा वह इस स्थिति का प्रयोग अनुचित लाभ उठाने में करता है।
प्रश्न 70-एक कम्पनी को संसद् के एक अधिनियम द्वारा प्लाईमाउथ में भाप की शक्ति से ट्रामें मलाने के लिए प्राधिकृत किया गया था। यह प्राधिकार व्यापार परिषद् द्वारा अनुमोदन के अधीन था। कम्पनी ने व्यापार परिषद् को पहले से ही प्रार्थना-पत्र प्रेषित कर रखा था तथा ईमानदारी से विश्वास करती थी कि परिषद् की सम्मति प्राप्त हो जायेगी। इस विश्वास पर कम्पनी की ओर से यह व्यपदेशन किया गया कि उसे घोड़ों के स्थान पर भाप तथा यांत्रिक शक्ति प्रयोग करने का अधिकार था। वादी ने इस व्यपदेशन के आधार पर कम्पनी के कुछ शेयर खरीदे। बाद में व्यापार परिषद् ने अनुमोदन देना अस्वीकार कर दिया। वादी ने कम्पनी के विरुद्ध कपट करने का वाद दायर किया। यह वाद–
(क) खारिज हो जायगा क्योंकि कम्पनी कपट की दोषी नहीं थी।
(ख) कम्पनी के विरुद्ध निर्णीत होगा क्योंकि वह कपटपूर्ण व्यपदेशन की दोषी थी तथा संविदा वादी के विकल्प पर शून्यकरणीय घोषित की जायगी। .
(ग) कम्पनी के विरुद्ध निर्णीत होगा तथा संविदा शून्य घोषित कर दी जायगी।।
(घ) कम्पनी के विरुद्ध निर्णीत होगा तथा संविदा अवैध घोषित कर दी जायगी। 0
प्रश्न 71-‘अ‘ ने मिथ्या व्यपदेशन द्वारा ‘ब‘ को यह विश्वास करने को प्रेरित किया कि ‘अ‘ की फैक्ट्री में प्रतिवर्ष पाँच सौ मन नील का उत्पादन होता है। ‘ब‘ ने फैक्ट्री के लेखा की परीक्षा की जिससे यह पता चला कि केवल चार सौ मैन नील का उत्पादन हुआ। इसके पश्चात् ‘ब‘ ने ‘अ‘ से फैक्ट्री खरीद ली। यह संविदा–
(क) शून्य है।
(ख) वैध है।।
(ग) शून्यकरणीय है।
(घ) प्रारम्भ से ही शून्य है। ।
प्रश्न 72-‘अ‘ तथा ‘ब‘ एक संविदा इस गलत विश्वास के आधार पर करते हैं कि विशिष्ट ऋण भारतीय मर्यादा अधिनियम द्वारा वर्जित है। यह संविदा–
(क) शून्यकरणीय है।
(ख) शून्य है।
(ग) प्रारम्भ से ही शून्य है।
(घ) शून्यकरणीय नहीं है।
प्रश्न 73_’अ‘ तथा ‘ब‘ एक संविदा एक ऐसे विधि के बारे में जो भारत में लागू नहीं है गलत . विश्वास के आधार पर करते हैं। यह संविदा–
(क) शून्यकरणीय नहीं है।
(ख) शून्य है।
(ग) शून्यकरणीय है।
(घ) प्रारम्भ से ही शून्य है।
प्रश्न 74-जहाँ किसी करार में दोनों पक्षकारों की करार के आवश्यक तथ्य के बारे में भूल होती है, करार–
(क) शून्यकरणीय होता है।
(ख) अवैध होता है।
(ग) शून्य होता है।
(घ) वैध होता है।
प्रश्न 75-एक तथ्य की भूल के कारण ‘अ‘ ‘ब‘ के साथ संविदा करता है परन्तु ‘ब‘ की कोई भूल नहीं होती है। यह संविदा–
(क) शून्य है।
(ख) शून्यकरणीय नहीं है।
(ग) शून्यकरणीय है।
(घ) अवैध है।
प्रश्न 76–प्रत्येक करार, जिससे कि कोई व्यक्ति किसी प्रकार की विधिपूर्ण वृत्ति, व्यापार या कारबार करने से अवरुद्ध होता है–
(क) पूर्णतया शून्य होता है ।
(ख) शून्यकरणीय होता है।
(ग) अनरोधक के विस्तार तक शून्य होता है।
(घ) पूर्णतया वैध होता है।
प्रश्न 77-‘अ‘ ‘ब‘ के हाथ अपने कारोबार का कीर्तिस्व (goodwill) बेचता है तथा यह करार करता है कि वह उस नगर में 10 वर्षों की अवधि तक समान कारोबार नहीं करेगा। यह संविदा–
(क) शून्य नहीं है।
(ख) शून्य है।
(ग) प्रारम्भ से ही शून्य है।
(घ) शून्यकरणीय है।
प्रश्न 78—बाजी (Weger) लगाने वाले करार–
(क) शून्यकरणीय होते हैं।
(ख) अवैध होते हैं।
(ग) वैध होते हैं।
(घ) शून्य होते हैं।
प्रश्न 79-‘अ‘ ‘ब‘ के साथ एक संविदा करता है कि यह ‘ का एक निश्चित धनराशि देगा जब, ‘स‘ के साथ विवाह कर लेता है। ‘ब‘ के साथ विवाह होने के पूर्व ही ‘स‘ की मृत्यु हो जाती है। यह संविदा–
(क) अवैध हो जाती है।
(ख) शून्य हो जाती है।
(ग) शून्यकरणीय है।
(घ) प्रारम्भ से ही शून्य है।
प्रश्न 80_’अ‘ ‘ब‘ के लिए एक निश्चित तिथि तक एक चित्र बनाने का वचन देता है। उक्त दिन के पूर्व ‘अ‘ की मृत्यु हो जाती है। यह संविदा–
(क) ‘अ’ के प्रतिनिधियों द्वारा लागू नहीं करवायी जा सकती है।
(ख) ‘ब’ के प्रतिनिधियों द्वारा लागू करवायी जा सकती है।
(ग) ‘अ’ अथवा ‘ब’ के प्रतिनिधियों द्वारा लागू नहीं करवायी जा सकती है।
(घ) ‘ब’ के प्रतिनिधियों द्वारा लागू नहीं करवायी जा सकती। ।
प्रश्न 81-अपने आप में असम्भव कार्य करने का करार–
(क) शून्यकरणीय होता है।
(ख) अवैध होता है।
(ग) शून्य होता है।
(घ) वैध होता है।
प्रश्न 82-निम्नलिखित में से कौन-सा सही है ?
(क) प्रत्येक प्रतिग्रहीता (promisee) अपने से की गयी किसी प्रतिज्ञा के पालन का पूर्णत: या भागत: अभिमोचन कर सकता है या ऐसे पालन के लिये समय को विस्तारित कर सकता है या उसके स्थान पर किसी तुष्टि को, जिसे वह ठीक समझता है, प्रतिग्रहीत कर सकता है।
(ख) प्रतिज्ञाग्रहीता अपने से की गयी प्रतिज्ञा के पालन का समय विस्तारित नहीं कर सकता है ।
(ग) प्रतिज्ञाग्रहीता अपने से की गयी किसी प्रतिज्ञा के पालन या उसके स्थान पर किसी तुष्टि को, जिसे वह ठीक समझता है, प्रतिग्रहीत नहीं कर सकता है।
(घ) प्रतिज्ञाग्रहीता अपने से की गयी किसी प्रतिज्ञा के पालन का पूर्णतअभिमोचन नहीं कर सकता है।
प्रश्न 83-‘अ‘ ‘ब‘ से संविदा करती है कि वह 1000 रुपये में उसके लिए एक निश्चित दिन प्रोग्राम में जायेगी। निश्चित दिन ‘अ‘ बीमार होने के कारण गाने में असमर्थ हो जाती है। यह संविदा–
(क) अवैध हो जाती है।
(ख) शून्यकरणीय हो जाती है।
(ग) शून्य हो जाती है।
(घ) वैध बनी रहती है।
प्रश्न 84–’अ‘ एक गायक एक थियेटर के मैनेजर ‘ब‘ से संविदा करता है कि वह उसके थियेटर में प्रत्येक सप्ताह में दो रातों को अगले दो महीनों तक गायेगा तथा ‘ब‘ उसे प्रत्येक रात के लिए 500 रुपये देगा। छठी रात ‘अ‘ जानबूझ कर थियेटर से अनुपस्थित रहता है। ‘ब‘
(क) कोई प्रतिकर प्राप्त नहीं कर सकता है।
(ख) संविदा को विखंडित कर सकता है। ।
(ग) संविदा को विखंडित कर सकता है तथा छठी रात में अनुपस्थिति के लिये ‘अ’ से प्रतिकर प्राप्त कर सकता है।
(घ) छठी रात में अनुपस्थिति के लिये प्रतिकर प्राप्त कर सकता है परन्तु संविदा को विखंडित नहीं कर सकता है।।
प्रश्न 85–जब कोई संविदा-भंग होती है तो पीड़ित पक्षकार, जिसने संविदा भंग की है, से–
(क) जितनी क्षति हुई है उसके लिए प्रतिकर प्राप्त कर सकता है।
(ख) जितनी क्षति हुई है उसके लिए प्रतिकर प्राप्त कर सकता है चाहे यह दूरस्थ तथा अप्रत्यक्ष हो।
(ग) उतनी क्षति के लिए प्रतिकर प्राप्त कर सकता है जो प्राकृतिक रूप में आम तौर से ऐसे भंग से होती है।
(घ) उतनी क्षति के लिए प्रतिकर प्राप्त कर सकता है जो प्राकृतिक रूप से आम तौर से ऐसे भंग से होती है या जिसे पक्षकार संविदा करने के समय जानते थे कि वह सम्भावित है।
प्रश्न 86-‘अ‘ ‘ब‘ से संविदा करता है कि वह ‘ब‘ को एक निश्चित दिन निर्माण करके एक मशीनरी परिदत्त करेगा। ‘अ‘ मशीनरी परिदत्त करने में असफल रहता है अत: ‘ब‘ को वह मशीनरी बाजार से अधिक मूल्य में लेनी पड़ती है तथा वह एक तीसरे पक्षकार के साथ अपनी संविदा का पालन करने में असमर्थ रहता है। ‘ब‘ ने तीसरे पक्षकार के साथ अपनी संविदा की सूचना ‘अ‘ को नहीं दी थी तथा न ही ‘अ‘ इसके बारे में कुछ जानता था। ‘ब‘ ‘अ‘ के विरुद्ध प्रतिकर प्राप्त करने के लिए वाद करता है। ‘अ‘ ‘ब‘ को–
(क) मशीनरी बाजार से लेने की कीमत तथा संविदा के अन्तर्गत मशीनरी की कीमत का अन्तर प्रतिकर के रूप में देगा।
(ख) उतनी धनराशि देगा जो उसे तीसरे पक्षकार को प्रतिकर के रूप में देनी पड़ी।
(ग) मशीनरी बाजार से लेने की कीमत तथा संविदा के अन्तर्गत मशीनरी की कीमत का अन्तर तथा वह धानराशि जो उसे तीसरे पक्षकार को प्रतिकर के रूप में देनी पड़ी, देगा। .
(घ) कोई भी प्रतिकर देने को बाध्य नहीं हैं। .
प्रश्न 87–’अ’ निश्चित न्यायालय में स्वयं उपसंजात होने के लिए ऐसा मुचलका देता है कि जिससे के ऐसा न करने पर वह 2000 रुपये की शास्ति देने के लिए बाध्य है। उसका मुचलका जल हो जाता है। ‘अ’ ‘ब’ को-
(क) उतनी धनराशि देने के लिए बाध्य है जिसके लिए न्यायालय आदेश दे।
(ख) उतनी धनराशि देने के लिए बाध्य है जो न्यायालय युक्तियुक्त समझता है परन्तु यह 2000 रुपये से अधिक नहीं हो सकती है। 0
(ग) पूरा 2000 रुपये देने के लिए बाध्य है।
(घ) कोई भी धन देने के लिए बाध्य नहीं है।
प्रश्न 88–’अ‘ ‘ब‘ के हाथ अपने कारोबार का कीर्तिस्व बेचता है तथा करार करते है कि वह पूर्ण विश्व में कभी भी समान कारोबार नहीं करेगा।
निम्नलिखित में से कौन-सा उत्तर सही है-
(क) करार अवैध है।
(ख) यह वैध करार है तथा धारा 27 के अपवाद के अन्तर्गत आता है।
(ग) व्यापार का अवरोध होने के कारण यह करार शून्य है।
(घ) यह करार शून्य है क्योंकि यह लोकनीति के विरुद्ध है।।
प्रश्न 89–’अ‘ ‘ब‘ के हाथ “एक सौ टन तेल” बेचने का करार करता है। ‘अ‘ कई प्रकार के तेलों का विक्रेता है।
निम्नलिखित में से कौन-सा सही उत्तर है-
(क) करार अनिश्चित होने के कारण शून्य है।
(ख) करार ‘अ’ के विकल्प पर शून्यकरणीय है।
(ग) यह करार संविदा है तथा ‘अ’ उस प्रकार के तेल का प्रदाय करने के लिये बाध्य है जो ‘व’ बाद में बताये।।
(घ) यह करार वैध है।
प्रश्न 90.-‘अ‘ ‘ब‘ से संविदा करता है कि वह एक विदेशी बन्दरगाह से ‘ब‘ का माल अपने जहाज में लायेगा। तत्पश्चात् ‘अ‘ की सरकार उस देश से जहाँ बन्दरगाह स्थित है युद्ध घोषित कर देती है-
निम्नलिखित में से कौन-सा सही उत्तर है-
(क) यह संविदा ‘अ’ तथा ‘ब’ पर बाध्यकारी है।
(ख) युद्ध घोषित होने से संविदा शून्य हो गई।
(ग) ‘अ’ के विकल्प पर संविदा शून्यकरणीय है।
(घ) ‘ब’ ‘अ’ से संविदा पालन न करने के लिए प्रतिकर प्राप्त कर सकता है।
प्रश्न 91-‘अ‘ ‘ब‘ का 5000 रुपये का ऋणी है। ‘स‘ ‘ब‘ को 1000 रुपये देता है तथा ‘ब‘ इसे ‘अ‘ के विरुद्ध ऋण की सन्तुष्टि के रूप में स्वीकार करता है।
निम्नलिखित में से कौन-सा सही उत्तर है—
(क) ‘ब’ ‘अ’ से शेष 4000 रुपये प्राप्त कर सकता है।
(ख) ‘ब’ ‘अ’ से पूर्णधन अर्थात् 5000 रुपये प्राप्त कर सकता है।
(ग) ‘ब’ ‘अ’ से अब कुछ भी प्राप्त नहीं कर सकता है।
(घ) ‘ब’ ‘स’ से शेष 4000 रुपये प्राप्त कर सकता है।
प्रश्न 92-एक व्यापारी ‘अ‘ भूल से ‘ब‘ के गृह पर कुछ माल छोड़ जाता है। ‘ब‘ इसे अपना समझकर इसका प्रयोग कर लेता है। ‘अ‘ ‘ब‘ से माल की कीमत प्राप्त करने के लिए वाद करता है। निम्नलिखित में से कौन-सा सही उत्तर है–
(क) ‘अ’ का वाद खारिज हो जायगा।
(ख) ‘ब’ माल की कीमत देने के लिए बाध्य नहीं है।
(ग) ‘ब’ ‘अ’ की माल की कीमत देने को बाध्य है।
(घ) चूँकि ‘अ’ तथा ‘ब’ के मध्य कोई संविदा नहीं हुई, ‘ब’ का कोई दायित्व नहीं है। ।
प्रश्न 93–’अ‘ एक मालवाहक ‘ब‘ को एक मशीन बिना विलम्ब एक निश्चित स्थान पर पहुँचाने के लिए देता है तथा उसे सूचित करता है कि मशीन की कमी के कारण मिल बन्द है। मशीन गन्तव्य स्थल पर पहुँचाने में विलम्ब करता है तथा इसके परिणामस्वरूप ‘अ‘ की सरकार के साथ एक लाभदायक संविदा टूट जाती है। निम्नलिखित में से कौन-सा सही है–
(क) ‘अ’ ‘ब’ से प्रतिकर के रूप में वह धनराशि प्राप्त करने का अधिकारी है जिसकी हानि उसे सरकार के साथं संविदा टूटने से हुई।.
(ख) ‘अ’ ‘ब’ से कोई भी प्रतिकर प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है।
(ग) ‘अ’ ‘ब’ से प्रतिकर के रूप में वह धनराशि प्राप्त करने का अधिकारी है जिसकी हानि उसे मिल उतने दिन बन्द रहने से हुई जितने दिन ‘ब’ के मशीनरो पहुँचाने में विलम्ब के कारण लगे परन्त यह सरकार से संविदा टूटने से होने वाली हानि प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। 0
(घ) ‘अ’ ‘ब’ से संविदा-भंग के लिए केवल सामान्य नुकसानी प्राप्त करने का अधिकारी है।
प्रश्न 94-‘अ‘ ‘ब‘ से संविदा करता है कि वह ‘ब‘ को 1000 रुपये देगा यदि वह एक निश्चित दिन ‘ब‘ को 500 रुपये देने में असफल रहता है। ‘अ‘ ‘ब‘ को निश्चित दिन 500 रुपये देने में असफल रहता है।
निम्नलिखित में से कौन-सा उत्तर सही है ? ‘अ’ ‘ब’ को-
(क) 1000 रुपये देने को बाध्य है। 0
(ख) न्यायालय के आदेशानुसार युक्तियुक्त प्रतिकर देने को बाध्य है, परन्तु यह 1000 रुपये से अधिक नहीं हो सकता।
(ग) केवल 500 रुपये देने को बाध्य है।
(घ) न्यायालय के आदेशानुसार युक्तियुक्त प्रतिकर देने को बाध्य है परन्तु यह 500 रुपये से अधिक नहीं हो सकता |
प्रश्न 95–’अ‘ ‘ब‘ से संविदा करता है कि यदि ‘अ‘ कलकत्ते के भीतर शल्यज्ञ के रूप में व्यवसाय करेगा, तो वह ‘ब‘ को 5000 रुपये देगा। ‘अ‘ कलकत्ते में शल्यज्ञ के रूप में व्यवसाय करता–
निम्नलिखित में कौन-सा सही है ?
(क) ‘ब’ 5000 रुपये से अनधिक ऐसे प्रतिकर पाने का, जैसा कि न्यायालय युक्तियुक्त समझता है, हकदार है।
(ख) ‘ब’ ऐसे प्रतिकर पाने का जैसा कि न्यायालय युक्तियुक्त समझता है, हकदार है। 0
(ग) ‘ब’ 5000 रुपये से अधिक ऐसे प्रतिकर पाने का, जैसा कि न्यायालय युक्तियुक्त समझता है, हकदार है।
(घ) ‘ब’ 5000 रुपये पाने का हकदार है।।
प्रश्न 96-‘अ‘ ‘ब‘ के पोत को 62000 रुपये पर खरीदने की संविदा करता है, किन्तु अपनी प्रतिज्ञा भंग करता है। ‘अ’ ‘ब’ को
(क) युक्तियुक्त प्रतिकर देने को बाध्य है।
(ख) वह अधिकाई, यदि कोई हो जो कि संविदा की कीमत उस कीमत से है, जो कि ख प्रतिज्ञा भंग के समय पोत के लिए अभिप्राप्त कर सकता है, प्रतिकर के रूप में दी जानी चाहिये।
(ग) 62000 रुपये देकर पोत लेने के लिए बाध्य है।
(घ) युक्तियुक्त प्रतिकर देने को बाध्य है, परन्तु यह 62000 रुपये से अधिक नहीं हो सकता।
प्रश्न 97-‘अ‘ तथा ‘ब‘ एक संविदा करते हैं। संविदा के एक क्लाज में प्रावधान है कि उनके मध्य विवाद होने पर केवल ‘क‘ न्यायालय को उनका विवाद निर्णीत करने की अधिकारिता होगी। ‘अ‘ एवं ‘ब‘ के मध्य विवाद को निर्णीत करने की अधिकारिता ‘क‘ तथा ‘ख‘ दोनों ही न्यायालयों की थी। निम्नलिखित में कौन-सा सही है–
(क) उक्त संविदा धारा 23 के अन्तर्गत शून्य है; क्योंकि यह लोकनीति के विरुद्ध है। –
(ख) उक्त संविदा धारा 28 के अन्तर्गत शून्य है; क्योंकि यह विधिक कार्यवाहियों का अवरोधार्थ करार है।
(ग) उक्त संविदा न तो अवैध है तथा न ही लोकनीति के विरुद्ध है। .
(घ) उक्त संविदा धारा 23 एवं धारा 28 के अन्तर्गत शून्य है; क्योंकि यह अवैध तथा लोकनीति के विरुद्ध है।
प्रश्न 98–’अ‘ विधि की भूल के कारण ‘ब‘ महापालिका में कुछ धन कर के रूप में जमा करता है-
(क) ‘ब’ उक्त धन ‘अ’ को लौटाने को बाध्य है।
(ख) ‘ब’ उक्त धन ‘अ’ को लौटाने को बाध्य नहीं है; क्योंकि भूल विधि की थी।
(ग) ‘ब’ उक्त धन लौटाने को बाध्य नहीं है; क्योंकि ‘अ’ के साथ उसकी कोई संविदा नहीं हुई।
(घ) ‘ब’ उक्त धन ‘अ’ को लौटाने को बाध्य नहीं है; क्योंकि ‘अ’ अपनी भूल के लिए स्वयं जिम्मेदार है।।
प्रश्न 99—गहरे समुद्र में मछली पकड़ने हेतु ‘अ‘ ने ‘ब‘ से एक जहाज किराये पर लिया । ‘ब‘ ने जहाज ‘अ‘ को जाँच एवं मरम्मत आदि के लिए परिदत्त कर दिया। ‘अ‘ को मरम्मत कराने का खर्च वहन करना था। ‘अ‘ को बाद में पता चला कि जहाज की रेफरीजेरेशन प्रणाली उस मानक की नहीं थी जो गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए आवश्यक थी। अत: ‘अ‘ संविदा को करार के लिए सारभूत तथ्य के बारे में भूल के आधार पर शून्य घोषित करवाना चाहता है।
(क) करार शून्य है; क्योंकि ‘अ’ को करार के सारभूत तथ्य के बारे में भूल हुई।
(ख) करार ‘अ’ के विकल्प पर शून्यकरणीय है।
(ग) करार प्रारम्भ से ही शून्य है।
(घ) जहाज की मरम्मत आदि कराने के निबन्धनों से यह निष्कर्ष निकलता है कि करार के सारभूत तथ्य के बारे में दोनों पक्षकारों की भूल नहीं थी, अत: करार शून्य नहीं है।
प्रश्न 100-‘क‘ ‘ख‘ को 10000 रुपये का देनदार है । ‘ग‘ ‘ख‘ को 50(X) रुपये देता है और ‘ख‘ उन्हें ‘क‘ पर अपने दावे की तुष्टि में प्रतिग्रहीत करता है–
(अ) ‘ग’ द्वारा 5000 रुपये की ‘ख’ को देनगी सम्पूर्ण दावे का उन्मोचन नहीं है। ।
(ब) ‘ग’ द्वारा 5000 रुपये की ‘ख’ को देनगी से सम्पूर्ण दावे का उन्मोचन नहीं हुआ; क्योंकि वह ‘क’ एवं ‘ख’ के मध्य करार का पक्षकार नहीं है। –
(स) ‘ग’ द्वारा देनगी सम्पूर्ण दावे का उन्मोचन है। 0
(घ) ‘ग’ द्वारा देनगी से सम्पूर्ण दावे का उन्मोचन नहीं हुआ; क्योंकि 50(X) रुपये ‘क’ को देना शेष है।।
प्रश्न 101-एक विवाहित स्त्री के पिता ने अपनी लड़की का विवाह एक अन्य व्यक्ति से कर दिया । उक्त अन्य व्यक्ति ने विवाह के पूर्व स्त्री के पिता के नाम कुछ भूमि अन्तरित कर दी थी। उक्त स्त्री ने अपने पहले पति से तलाक प्राप्त नहीं किया था।
(क) उक्त अन्तरण का करार शून्य है।
(ख) उक्त अन्तरण का करार शून्यकरणीय है।
(ग) उक्त अन्तरण का करार संविदा है।
(घ) उक्त अन्तरण का करार वैध है।
प्रश्न 102–भोपाल गैसरिसन विनाश के मामले में यूनियन कार्बाइड एवं भारतीय संघ ने एक करार किया जिसमें यूनियन कार्बाइड ने प्रतिकर के रूप में 470 अमेरिकन डालर देना स्वीकार किया। करार में यह भी तय किया गया कि उक्त गैसरिसन विनाश से सम्बन्धित सभी दीवानी तथा आपराधिक कार्यवाहियाँ समाप्त हो जायेंगी। तत्पश्चात् उच्चतम न्यायालय ने उक्त समझौते करार के अनुसार आदेश जारी किया।
(क) उक्त करार शून्य है क्योंकि यह आपराधिक अभियोजन को दबाने का करार है।
(ख) उक्त करार शून्यकरणीय है।
(ग) उक्त करार अवैध है क्योंकि इसके द्वारा सभी आपराधिक एवं दीवानी कार्यवाहियाँ समाप्त कर दी गयीं।
(घ) उक्त करार वैध है। यह करार आपराधिक अभियोजन को दबाने की श्रेणी में नहीं आता
प्रश्न 103–’पी‘ एण्ड ‘क्यू‘ ने कुश्ती प्रतियोगिता का करार किया तथा शर्त रखी कि जो पक्षकार निश्चित दिन पर उपस्थित नहीं हुआ उसे विरोधी पक्षकार को 500 रुपये देने पड़ेंगे। ‘पी‘ निश्चित दिन पर उपस्थित नहीं हुआ। ‘क्यू‘ ने ‘पी‘ के विरुद्धं 500 रुपये प्राप्त करने का वाद किया।
(क) ‘पी’ अपने वाद में सफल नहीं होगा।
(ख) ‘पी’ अपने वाद में सफल होगा तथा वह 500 रुपये प्राप्त करने का अधिकारी होगा।
(ग) ‘पी’ अपने वाद में सफल होगा तथा न्यायालय उसे युक्तियुक्त धन प्रतिकर में दिये जाने का आदेश देगा।
(घ) ‘पी’ अपने वाद में सफल होगा तथा न्यायालय उसे युक्तियुक्त धन प्रतिकर के रूप में प्रदान करेगा परन्तु यह धन 500 रुपये से अधिक नहीं हो सकता।
प्रश्न 104″अवयस्क का करार शून्य होता है” सर्वप्रथम किस वाद में यह नियम प्रतिपादित किया गया है
(क) लालमन शुक्ल बनाम गौरीदत्त। ।
(ख) मोहरी बीबी बनाम धरमदास घोष।
(ग) खानगुल बनाम लाखन सिंह।।
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
प्रश्न 105-संदिदा है—
(क) लोकनीति के विरुद्ध।
(ख) विधि द्वारा प्रवर्तनीय करार।
(ग) विधि द्वारा प्रवर्तनीय नहीं।
(घ) सक्षम पक्षकार।
प्रश्न 106 प्रस्ताव की परिभाषा संविदा अधिनियम की किस धारा में दी गई है-
(क) 2 (अ).
(ख) 110
(ग) 160
(घ) 2 (ब).
प्रश्न 107-प्रतिफल की संविदा के लिये आवश्यक हैं –
(क) प्रतिफल की प्रर्याप्तता।।
(ख) प्रतिफल की वास्तविकता।।
(ग) प्रतिफल का लाभकारी होना। ।
(घ) उक्त में से कोई नहीं।
प्रश्न 108 धोखा या कपट के अन्तर्गत की गई संविदा होती है–
(क) वैध।।
(ख) शून्यकरणीय।।
(ग) अवैध।
(घ) शून्य।।
प्रश्न 109-भूल के अन्तर्गत की गयी संविदा का परिणाम क्या होता है ?
(क) वैध।
(ख) अवैध।
(ग) शून्य।।
(घ) शून्यकरणीय।।
प्रश्न 110-विवाह अवरोधित करार होते हैं–
(क) शून्यकरणीय।।
(ख) वैध।।
(ग) अवैध।
(घ) शून्य। ।
प्रश्न 111-पिता अपने पुत्र को 1000 रुपये देने का वादा करता है तथा उसे लिखित एवं पंजीकृत करता है। क्या यह संविदा–
(क) वैध है।
(ख) अवैध है।
(ग) शून्य है।
(घ) शून्यकरणीय है।
प्रश्न 112-असम्भव कार्य करने का करार शून्य होता है। यह प्रावधान किस धारा में है ?
(क) धारा 2510
(ख) धारा 5610
(ग) धारा 2910
(घ) धारा 2710
प्रश्न 113-पड़े या खोये माल के ग्रहण का दायित्व होता है–
(क) संविदा सदृश के अन्तर्गत।
(ख) संविदा भंग के अन्तर्गत।।
(ग) अवयस्क करार के अन्तर्गत।
(घ) उक्त में से कोई नहीं।
प्रश्न 114 भारतीय संविदा अधिनियम में ‘प्रतिफल‘ की व्याख्या किस धार में की गई है ?
(क) धारा 2 (अ)।
(ख) धारा 2 (ब)10
(ग) धारा 2 (द)।
(घ) धारा 2 (स)।
प्रश्न 115–प्रत्येक संविदा एक करार है परन्तु प्रत्येक ठहराव एक संविदा नहीं है। यह कथन–
(क) पूर्णत: सत्य है।
(ख) अंशत: सत्य है।
(ग) पूर्णतअसत्य है।
(घ) अंशत: असत्य है।
प्रश्न 116-व्यापार में अवरोध डालने वाले करार होते हैं–
(क) शून्यकरणीय।
(ख) वैध। ।
(ग) अवैध।
(घ) शून्य। ।
प्रश्न 117–बाजी करार किस धारा के अन्तर्गत प्रारम्भ से ही शून्य होते हैं ?
(क) 110
(ख) 190
(ग) 300
(घ) 320
प्रश्न 118-निम्नलिखित में कौन-सी संविदा की परिभाषा सही है–
(क) विधि द्वारा प्रवर्तनीय करार।
(ख) प्रतिफलयुक्त करार।
(ग) प्रतिफलयुक्त वचन।
(घ) प्रतिफलयुक्त स्वीकृति
प्रश्न 119–सामान्य प्रस्ताव पर प्रसिद्ध वाद है–
(क) लालमन शुक्ल बनाम गौरीदत्त। ।
(ख) क्रेल बनाम हेनरी।
(ग) कार्लिल बनाम कारबोलिक स्मोक बाल कं०।
(घ) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 120-वचन के प्रवर्तनीय होने के लिये किन-किन बातों का होना आवश्यक है–
(क) प्रस्ताव।
(ख) स्वीकृति। ।
(ग) प्रतिफल ।
(घ) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 121-“अवयस्क द्वारा की गई संविदा शून्य होती है।” यह किस वाद में अभिनिर्धारित किया गया है ?
(क) घेरूलाल बनाम महादेव। .
(ख) मोहरीबीबी बनाम धरमदास घोष। ।
(ग) डेविस बनाम क्लिंटन। –
(घ) कोई नहीं।
प्रश्न 122-‘स्वतन्त्र सहमति‘ के अभाव में किये गये करार होते हैं–
(क) वैध।।
(ख) शून्यकरणीय।
(ग) अवैध। ।
(घ) शून्य ।
प्रश्न 123—निम्न में से कौन-सा मामला ‘असम्यक् असर‘ से सम्बन्धित है–
(क) अल्कर्ड बनाम स्किनर ।
(ख) फिलिप्स बनाम ब्रुक्स । –
(ग) कुन्डली बनाम लिन्डसे –
(घ) कोई नहीं।
प्रश्न 124-संविदा अधिनियम की किस धारा में प्रावधान है कि-‘विधिक कार्यवाहियों में अवरोध पैदा करने वाले करार शून्य होते हैं‘-
(क) धारा 260
(ख) धारा 270
(ग) धारा 300
(ग) धारा 280
प्रश्न 125–प्रत्येक अवैध संविदा शून्य होती है परन्तु प्रत्येक शून्य संविदा अवैध नहीं होती है–
(क) कथन पूर्णत: सत्य है।
(ख) कथन पूर्णत: असत्य है।
(ग) कथन अंशत: असत्य है। “
(घ) कथन अंशतः सत्य है।
प्रश्न 126-“लालमन बनाम गौरादत्त” के वाद में यह निर्णीत किया गया है कि–
(क) प्रस्ताव का संवहन या संसूचना आवश्यक है।
(ख) प्रस्ताव की शर्ते स्पष्ट होनी चाहिये। ।
(ग) प्रस्ताव प्रार्थना के रूप में होनी चाहिये। .
(घ) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 127-भारतीय संविदा अधिनियम 2 (d) में किसकी परिभाषा दी गयी है–
(क) प्रस्ताव।।
(ख) स्वीकृति। .
(ग) प्रतिफल।
(घ) बचन
प्रश्न 128-क्या एक अवयस्क संविदा का पक्षकार बन सकता है?
(क) हाँ.
(ख) हाँ और नहीं दोनों
(ग) नहीं।
(घ) कोई नहीं
प्रश्न 129-निम्नलिखित में से किसमें बिना प्रतिफल के किया गया करार मान्य होता है?
(क) स्वाभाविक स्नेह व प्रेम से बँधे निकट सम्बन्धी।
(ख) भूतपूर्व किन्तु स्वेच्छा से किया गया करार।।
(ग) कालावरोधित ऋण।
(घ) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 130-निम्नलिखित में से कौन-सा आधार स्वतंत्र सहमति के लिये उचित है ?.
(क) धोखा।
(ख) उत्पीड़न।
(ग) अनुचित दवाय।।
(घ) कोई नहीं।
प्रश्न 131–बाजी करार कौन-सा है?
(क) आदत।
(ख) बीमा संविदा।।
(ग) सट्टा।
(घ) व्यापारिक संविदा।।
प्रश्न 132-ऐसा करार जिसका प्रतिफल या उद्देश्य न्यायोचित नहीं है उससे सम्बन्धित प्रावधान निम्नलिखित किस धारा में है ?
(क) धारा 240
(ख) धारा 230
(ग) धारा 260
(घ) धारा 250
प्रश्न 133-प्रत्याशित संविदा भंग का सिद्धान्त निम्नलिखित में से किस धारा में प्रतिपादित किया गया है?
(क) धारा 390
(ख) धारा 360
(ग) धारा 720
(घ) धारा 730
प्रश्न 134-‘अ”ब‘ को 200 लीटर तेल बेचने का करार करता है। यह करार–
(क) संविदा है।
(ख) शून्य है।
(ग) वैध है।
(घ) शून्यकरणीय है।
प्रश्न 135–संविदा पालन की असम्भवता का सिद्धान्त संविदा-अधिनियम की किस धारा में वर्णित है–
(क) धारा 350
(ख) धारा 580
(ग) धारा 390
(घ) धारा 560
प्रश्न 136-‘क‘ एक विनिमय पत्र की प्रतिज्ञाग्रहीता ‘ग‘ द्वारा देनगी की ‘ख‘ को प्रत्याभूति देता है। वह विनिमय पत्र ‘ग‘ द्वारा अनादृत किया जाता है–
(क) ‘क’ केवल उस विनिमय पत्र की रकम के लिये दायी है।
(ख) ‘क’ न केवल उस विनिमय पत्र की रकम के लिये वरन किसी ब्याज या प्रभारों के लिये भी जो कि उस पर बाकी हो गये हों, दायी है।
(ग) ‘क’ विनिमय पत्र की रकम पर ब्याज या प्रभारों के लिये, जो कि उस पर बाकी हो गये हों, दायी है।।
(घ) ‘क’ का ‘ख’ के प्रति कोई दायित्व नहीं है।
प्रश्न 137-क, ख से संविदा करता है कि ख का गृह जल गया तो वह ख को 10,000 रुपये देगा। यह–
(क) बाजी लगाने की संविदा है।
(ख) यह करार अनिश्चित है अतः शून्य है।
(ग) यह समाश्रित संविदा है।
प्रश्न 138-क ख से एक घोड़ा-विलेख खरीदने का करार करता है। सौदे के समय घोडा मर चका था यद्यपि किसी भी पक्ष को इस तथ्य का ज्ञान नहीं था
(क) करार वैध संविदा है।
(ख) करार शून्यकरणीय है।
(ग) करार शून्य है।
प्रश्न 139-अ अपनी पुत्री को कुछ धन लेकर ब की रखैल बनाने का करार करता है–
(क) यह करार शून्यकरणीय है।।
(ख) यह करार वैध संविदा है।।
(ग) यह करार शून्य नहीं है।
(घ) यह करार शून्य है क्योंकि अनैतिक है।।
प्रश्न 140-अ को ब का पर्स पड़ा हुआ मिलता है। अपर्स ब को दे देता है। ब वचन देता है कि वह अ को 500 रुपये देगा।
(क) यह संविदा में प्रतिफल नहीं है।
(ख) यह संविदा वैध नहीं है क्योंकि अ द्वारा किया गया कृत्य भूतकालीन है।
(ग) यह संविदा है।
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