CCC Study Material in Hindi for Documents for Opening Accounts
CCC Study Material in Hindi for Documents for Opening Accounts : आज हम CCC Study Material की पोस्ट में NIELIT (DOEACC) CCC Study Material in Hindi में पढ़ने जा रहे है जिसमे आप सीखंगे अकाउंट खोलने के लिए डॉक्यूमेंटस (Documents for Opening Accounts) जिसे आप CCC Notes, CCC Notes in Hindi भी कह सकते है | इस पोस्ट में जो NIELIT (DOEACC) CCC Study Material हम आपको देने जा रहे है वो CCC Exam Question Paper With Answer के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है |8.6 अकाउन्ट खोलने के लिए डॉक्यूमेंट्स (Documents for Opening Accounts) (CCC Study Material)
निम्नलिखित में से कोई एक डॉक्यूमेंट को प्रेजेंट करने पर अपना अकाउन्ट खोल सकते हैः- वह आइडेंटिटी कार्ड या आई.डी. कार्ड जिसे सेन्ट्रल-स्टेट मिनिस्ट्री, स्टेटूटोरी/रेगुलेटरी अथॉरिटीज, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग, शेडयूल कमर्शियल बैंक्स, और पब्लिक फाइनेंशियल इंस्टिटयूशन के इसू किया है, या, गजेटेड ऑफिसर द्वारा डयूली अटेस्टेड फोटोग्राफ वाला एक लेटर।
8.6.1 नो योर कम्टमर (KYC) (Know Your Customer) (CCC Study Material in Hindi)
- यह वो डॉक्यूमेंट है जिसके द्वारा कोई बैंक अपने कस्टमर के कैरेक्टर और क्लाइंट के एड्रेस के बारे में जानती है। यह प्रोसीजर बैंक एडमिनिस्ट्रेशन को धोखा-धडी से बचाता है।

CCC Study Material
- नो योर कस्टमर स्ट्रैटजी बैंक तभी कर लेते हैं जब वह बैंक अकाउन्ट खोलत है और समय-समय पर इस डॉक्यूमेंट को अपडेट करता रहता है।
- पासपोर्ट ड्राइविंग लाइसेंस वोटर आइडेंटिटी कार्ड परमानेंट अकाउन्ट नंबर (पैन) कार्ड आधार कार्ड नेशनल रूरल एम्पलॉयमेंट गारंटी एक्ट (नरेगा) कार्ड टेलीफोन बिल (एम.टी.एन.एल/बी.एस.एन.एल.) इलेक्ट्रिसिटी बिल
क्या आप जानते हैं? |
दो रूपये तथा इससे बड़े नोट्स पर गवर्नर ऑफ अर.बी.आई. के सिग्नेचर होते हैं, जबकि, एक रूपये के नोट पर फाइनेंस सिक्ररेटरी, मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस का सिग्नेचर होता है। सिक्के गवर्मेट ऑफ इंडिया इशू करती है। |

CCC Study Material in Hindi
8.7 बैंकिंग सर्विस डिलीवरी चैनल – I (Bank – Ing Service Delivery Channel – I) (NIELIT DOEACC CCC Study Material)
बैंकिंग सेक्टर में, डिलीवरी चैनल एक चैनल और मेथड हैं जो डायरेक्टली कस्टमर को बैंकिंग सर्विसेस् प्रदान करतें हैं। इसके प्रयोग सें, कस्टमर ए.टी.एम. द्वारा बैंकिंग ट्रांजेक्शन्स कर सकते हैं, बैंक के कॉल सेंटर कांटेक्ट करने एन्क्वाइअरी करना, डिजिटल आई.वी.आर. के द्वारा एक्सेस् करना, इंटरनेट के द्वारा ट्रांजेक्शन्स करना, समर्ट फोन पर मोबाइल बैकिंग के द्वारा ट्रांजिक्शन्स करना, आदि इन चैनल्स् के द्वारा बैंक बहुत बड़े जियोग्राफिकल एरिया मे अपनी सर्विसेस प्रदान कर सकता है। डिलीवरी चैनल रेगुलर ट्रांजेक्शन के स्मूथ फ्लो की सुनिश्चित करता है। और बैंको को अधिक प्रॉफिट देता है क्योंकि यह ऑपरेशनल एक्स्पेंसेस् व ट्रांजेक्शन की कास्ट को कम कर देता है। 8.7.1 बैंक ब्रांच, ए.टी.एम. (Bank Branch, ATM) बैंक ब्रांचः यह क रिटेल लोकेशन है, जहाँ एक बैंक कस्टमर को विभिन्न प्रकार की फेस टू फेस तथा ऑटोमेटेड सर्विस प्रदान करता है। एक बैंक की कई शाखायें स्टेट या सिटी के विभिन्न हिस्सों में होती हैं जहाँ जाकर कस्टमर इन सर्विस को ले सकता है। ए.टीएमः ए.टी.एम. किसी बैंक के कस्टमर को विभिन्न प्रकार के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन्स जैसे कैश निकालना या डिपॉजिट करना आदि को बिन बैंक जाये कर सकता है। इस मशीन में कस्टमर की पहचान डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड को मशीन में डालने से होती है, इस कार्ड में एक रमैग्नेटिक स्ट्रिट लगी होती है, प्लास्टिक कार्ड में एक चिप भी लगी होती है जिसमें यूनिक कार्ड नंबर, एक्सपाएरी डेट कार्ड वैरिफिंकेशन वैल्यू (सी.वी.सी) आदि स्टोर रहते हैं। कस्टमर को ट्रांजेक्सन से पहले अपने ऑथेन्टिकेशन के ले पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नंबर (पिन) डालना पड़ता है। ए.टी.एम. के माध्यम से कस्टमर कैश विथ्ड्रा, बैलेंस चेक, और मनी डिपाजिट जैसे कार्य कर सकता है। कोभी ए.टी.एम. की सर्विस का प्रयोग 24 घंटे प्रतिदिन पूरे वर्ष कर सकता है। 8.7.2 माइक्रो ए.टी.एम. और बैंक मित्र (Bank MITRA with Micro ATM) बैंक मित्रः बैंक मित्र बैंक के एजेंट होते हैं ये वहाँ पर कार्य करते हैं जहाँ पर बैंक को खोला नही जै सकता है। ये अकाउन्ट खोलने से संमबंधित विभिन्न प्रकार के असिस्टेंस प्रदान करते हैं। माइक्रो ए.टी.एमः ऑथेंटिकेशन के लिए बायोमैट्रिक हैण्ड हेल्ड डिवाइस का प्रयोग किया जाता है। रूरल सेमी अर्बन जगहों पर बैंक-मित्र की लोकेशन पर कम खर्च वाला माइक्रो ए.टी.एम. लगाया जाता है जो लोगों को त्वरित रूप से कैश विथ्ड्रा, बैलेंस चेक, और मनी डिपाजिट जैसी सर्विस देता है। यह डिवाइस मोबाइल फोन कनेक्शन पर आधारित होती है। 8.7.3 पॉइंट ऑफ सेल (Point of Sale) पॉइंट ऑप सेल वह स्टेज है जहाँ कस्टमर अपनी पेमेन्ट किसी मर्चेट को किसी गुड्स् या सर्विस को लेने पर देता है। इसमें मर्चेंट कस्टमर के लिए एक इनवॉइस बनता है और कुल अमाउन्ट की गणना करता है, इसके बाद कस्टमर को क्रेडिट कार्ड अथवा डेबिट कार्ड के द्वारा पेमेन्ट करने का ऑप्शन देता है।More CCC Study Material Question Paper With Answer True False in Hindi English
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