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CCC Study Material in Hindi for Bank Service Delivery Channel

  CCC Study Material in Hindi for Bank Service Delivery Channel:- आज की पोस्ट में हम आपको अकाउंट खोलने के लिए डाक्यूमेंट्स (Documents for Opening Accounts) CCC Study Material शेयर कर रहे है जो CCC Computer Online Exam Question Answer Paper के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है | CCC Study Material in Hindi में हम आपको यह पोस्ट दे रहे है आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों तक जररू शेयर करे ताकि वो CCC Exam Pass कर पाए | CCC Study Material in English and CCC Question Answer in Hindi and English में पढ़ने के लिए हमारी पीछे की पोस्ट को पढ़े |

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बैंकिंग सर्विस डिलीवरी चैनल – II (Bank- Ing Service Delivery Channel – II) (CCC Study Material)

आज की रेगुलेटेड और कम्पेटिल मार्केटिंग में बैंक्स को कस्टमर की एक्सपेंक्टेशन पर खड़ा रहना पड़ता है। बैंक को लोयल्टी को बढ़ाने के लिए अपने कस्टमर के साथ लगातार इन्टरैक्टिव बना रहना होगा। ऐसा करने के ले बैंक को अपने कस्टमर को एन्गेजिंग एक्सपीरियंस् देना होगा। इस सेक्शन में हम बैंक द्वारा दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की बैंकिग सर्विस के बारे में पढ़ेंगे। 8.8.1 इंटरनेट बैंकिग (Internet Banking) इंटरनेट बैंकिंग एक प्रकार का इलेक्ट्रोनिक सिस्टम है जिसके द्वार बैंक के कस्टमर बैंक की वेबसाइट  के द्वारा ट्रांजेक्शन जैसे अपना अकाउन्ट मेन्टेन करना, धन ट्रासफर करना, बिल पे करना आदि कर सकते हैं। यह पूरी तरह सेफ है लेकिन इसमें कस्टमर के मोबाइल या कम्प्यूटर में इंटरनेट कनेक्शन का होना अनिवार्य है। कोई भी ए.टी.एम. की सर्वीस का प्रयोग 24x 7 और 365 दिन कर सकता है। इंटरनेट बैकिंग एक्सेस करने के लिएः
  • बैंक की सिक्योर वेबासाइट को खोलें।
  • इंटरनेट बैंकिंग में अपने कस्टमर आई.ड. और पासर्ड द्वार लॉग-इन करें (चित्र 8.10)।
चित्र 8.10 : लोग-इन फॉर्म 
CCC Study Material

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  • ओर्थटिकेशन सक्सेसफुल हो जाने पर आप इन्टरनेट बैंकिंग के कस्टमर एरिये में पहुँच जाएँगे (चित्र 8.11 देखें)
चित्र 8.11 : कस्टमर एरिया
CCC Study Material in Hindi

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फीचर (Feature) इन्टरनेट बैंकिग का प्रयोग करके यूजर निम्नलिखित कार्य कर सकते है:
  • बैलेंस, स्टेटमेंट की हिस्ट्री, रीसेंट ट्रांजेक्शन, आदि देख सकते है और अन्य कस्टमर के लिंक्ड अकाउंट के बीच फण्ड ट्रांसफ़र कर सकते है |
  • क्रेडिट कार्ड का बिल पे कर सकते है |
  • पेड़ चेक, चेकबुक आदि का ऑर्डर दे सकते है |
  • इनकम टेक्स, ऑनलाइन टेक्स रिमिटेंस और दुसरे टेक्स दे सकते है |
  • लों तथा मौजूदा लों पर टॉपअप के लिए अप्लाई कर सकते है |
  • म्युच्युअल फण्ड तथा इंश्योरेंश खरीद सकते है |
  • यूटिलिटी बिल जैसे इन्लेक्ट्रिसीटी, टेलीफ़ोन, गैस, इंश्योरेंश और मोबाइल आदि पे कर सकते है |
  • किसी के भी नाम का डिमांड ड्राफ्ट बनवा सकते है |
नोट :- किसी को भी अपना पासवर्ड न दें |

8.8.2 नेशनल इलेक्ट्रोनिक फण्ड ट्रांसफ़र (NEFT), रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) (National Electronic Fund Transfer (NEFT), Real Time Gross Settlement (RTGS) (CCC Study Material in Hindi)

नेशनल इलेक्ट्रोनिक फण्ड ट्रांसफर : नेशनल इलेक्ट्रोनिक फण्ड ट्रांसफर भारत का सबसे प्रोमिनेंट इलेक्ट्रोनिक फण्ड ट्रांसफर सिस्टम है, जो बैंक के कस्टमर को आसानी से और सेफली वन-टू-वन बेसिस पर फण्ड ट्रांसफर करने की फेसिलिटी प्रदान करते है | यह समय को बचाता है और इलेक्ट्रोनिक मेसेज के द्वारा कार्य करता है | ये ‘नेट’ ट्रांसफर फैसिलिटी है, जो आवरली बीच के अनुसार एक्सिक्युत होता है | चित्र 8.12 ,e एम्.ई.ऍफ़.टी. का पूरा प्रोसेस दिखाया गया है | रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट : रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) एक इंटर बैंक फण्ड ट्रांसफर का सिस्टम है जो रियल टाइम में और ग्रॉस बेसिस पर एक बैंक से दुसरे बैंक में रुपया ट्रांसफर करता है | रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) सिस्टम हाई-वैल्यू ट्रांजेक्शन (जिन्हें तुरंत क्ल्यिरेंस चाहिए) के लिए प्रयोग किया जाता है, इसके माध्यम से रूपये दो लाख या उससे ज्यादा बड़ी रकम भेजी जा सकती है | टेबल 7.1 में NEFT तथा RTGS के बीच अंतर को दिखाया गया है | टेबल 8.1 NEFT और RTGS के बीच अंतर
फैक्टर्स एन.ई.ऍफ़.टी आर.टी.जी.एस.
फुलफोर्म नेशनल इलेक्ट्रोनिक फण्ड ट्रांसफर रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट
स्पीड स्लो ` फ़ास्ट
अमाउंट क्रेडिट होने लगने वाला समय ट्रांजेक्शन आवरली बीच के अन्सुअर होता है | ट्रांजेक्शन वन-टू वन बेसिस पर होता है |
प्रयोग स्माल मणी ट्रांसफर में | लार्ज मणी ट्रांसफर में |
कम से कम ट्रांसफर की जाने वाली रकम रूपये 10, 000/- से रूपये 2 लाख तक रूपये 2 लाख से ज्यादा
ज्यादा से ज्यादा ट्रांसफर की जाने वाली रकम रूपये 2 लाख तक कोई सीमा नही
एन.ई.ऍफ़.टी. का प्रोसेस (How NEFT Work) इस उदाहरण में कस्टमर वह व्यक्ति है जो रुपया ट्रांसफर करता है और रिसिपेंट वह व्यक्ति है जो रूपये को पायेगा | चित्र 8.12 एन.ई.ऍफ़.टी. का प्रोसेस
NIELIT CCC Study Material

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  1. कस्टमर फॉर्म भरता है जिसमे वह रिसिपेंट सम्बन्धित जानकारी जैसे रिसिपेंट का नाम, बैंक, ब्रांच का नाम, आई.ऍफ़.एस.सी. कोड अकाउंट का प्रकार, अकाउंट नम्बर तथा डिपोजिट करने के लिए रकम भरता है |
  2. सभी डिटेल भरने के बाद, कस्टमर अपने बैंक की ब्रांच को औथराइज करता है की वह उसके अकाउंट से रूपये डेबिट करके स्पेसिफाई किये गये व्यक्ति के अकाउंट में रूपये डिपोजिट कर दे |
  3. कस्टमर के बैंक की ब्रांच, पुलिंग सेंटर के लिए एक मैसेज बनाती है जिसे NEFT सर्विस कहते है |
  4. NEFT, सर्विस सेंटर रीसिव्ड मैसेज को नेशनल क्लियरिंग एल, बैंक ऑफ इण्डिया मुम्बई के माध्य मसे NEFT क्लियरिंग सेंटर को फोरवर्ड कर देता है |
  5. इसके बाद एन.ई.ऍफ़.टी क्लियरिंग सेंटर इन फण्ड ट्रांसफर ट्रांजेक्शन मैसेज को डेस्टिनेशन बैक्स के अनुसार सॉर्ट करता है और अकाउंट एंट्रीज मेन्टेन करता है जिससे ओरिजिनेटेड बैक्स से फण्ड लिया जा सके तथा डेस्टिनेशन बैंक्स को फण्ड दिया जा सके |
  6. इसके बाद, बैंक वाइज ट्रांसफर का मैसेज डेस्टिनेशन बैंक्स (ओरिजिनेटेड बैंक्स या कस्टमर बैंक्स) को एन.ई.ऍफ़.टी सर्विस सेंटर द्वारा फोरवर्ड कर दिया जाता है |
  7. फाइनली, डेस्टिनेशन बैंक्स (ओरिजिनेटेड बैंक्स या कस्टमर बैंक्स) क्लियरिंग सेंटर द्वारा इनवर्ड फण्ड ट्रांसफर मैसेज रिसीव करता है और क्रेडिट अमाउंट को रिसिपेंट अकाउंट में ट्रांसफर कर देता है | (चित्र 8.12)

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