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CCC Other Importants Facts and Dos Commands Study Material in Hindi

  CCC Other Importants Facts and Dos Commands Study Material in Hindi:- NIELIT (DOEACC) CCC Study Material, CCC Study Material Question Answer Paper True False की इस पोस्ट में आज हम आपके लिए लेकर आये है अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य एवं डॉस कमांड (Other Important Facts and DOS Commands) जो CCC Online Exam Paper में आपको सहायक होगा | इस पोस्ट से पहले हमने आपको CCC Study Material in English, CCC Study Material, CCC Question Answer, CCC Question Answer in Hindi में दे चुके है उम्मीद है की आपने हमारी पिछली सभी पोस्ट को ध्यान से पढ़ा होगा |

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य एवं डॉस कमाण्ड्स Other Important  Facts and DOS Commands (CCC Study Material)

वाइल्ड कार्ड कैरेकेटर्स प्रयोग करना Using Wild Card Characters जब आपको फाइलों के एक समूह पर एकसाथ कार्य करना हो तो आप वाइल्ड कार्ड कैरेक्टर्स प्रयोग कर सकते हैं। वाइल्ड कार्ड कैरेक्टर्स दो प्रकार के होते हैं सितारा (star) (*) और प्रश्न चिह्र (Question mark) (?)। सितारा या स्टार वाइल्ड कार्ड कैरेक्टर (*) सभी अक्षरों को चुनने के लिए प्रयोग होता है। इस वाइल्ड कार्ड कैरेक्टर का सबसे अधिक उपयोग स्टार डॉट स्टार (*.*) के रूप में होता है। इसका अर्थ है फाइल का पहला नाम तथा विस्तारित नाम कुछ भी हो सकता है और यह कितना लम्बा भी हो सकता है अर्थात् इस संयोजन के साथ जब कमाण्ड दी जाती है तो सभी फाइलों का चयन हो जाएगा। उदाहरण के लिए, जब हम डायरेक्टरी की सभी फाइलों की कॉपी करना चाहते हैं तब हम COPY *.* की कमाण्ड देकर यह सब कर सकते हैं। किसी फाइल का *.EXE (स्टार डॉट  EXE ) का अर्थ है कि फाइल का पहला नाम कुछ भी हो सकता है, लेकिन विस्तारित नाम  EXE हैं। हम समूह में निम्नलिखित फाइलें आ सकती हैं Vish.EXE Sikhar.EXE Pay.EXE नीचे की फाइलों में दूसरे नम्बर की फाइल इस समूह में नहीं आएगी क्योंकि इसका विस्तारित नाम अलग है। Vish.EXE Vish.TXT Meenu.EXE प्रश्न चिह्रन वाला वाइल्ड कार्ड कैरेक्टर किसी भी एक कैरेक्टर को चुनने के लिए प्रयोग होता है। उदाहरण के लिए. अगर आप किसी फाइल के लिए ?SALES.DBF लिखेंगे, तो उस वर्ग में वे सभी फाइलें आएँगी जिनमें SALES से पहले कोई भी एक अक्षर हो सकता है तथा जिनका विस्तारित नाम DBF है, जैसे- ESALES.DBF WSALES.DBF NSALES.DBF NSALES.DBF निम्नलिखित फाइलें इस वर्ग में नहीं आएँगी JANSALES.DOC (? प्रश्न चिह्र केवल एक ही अक्षर से मेल खाता है, जबकि यहाँ तीन अक्षर हैं) ESALES.TXT (यहाँ विस्तारित नाम अलग है) आप विभिन्न संयोजनों (combinations) द्वारा एक समूह (group) की फाइलों को नियंत्रित करने के लिए वाइल्ड कार्ड कैरेक्टर्स का प्रयोग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आप एक पुस्तक लिख रहे हैं जिसमें आठ अध्याय हैं। इस पुस्तक के प्रत्येक अध्याय के लिए फाइल का नाम CHAP रखा है, CHAP के बाद उसका नम्बर तथा DOC इसका विस्तारित नाम है। जब आपको CHAP1.DOC से CHAP8.DOC तक सभी फाइलों को कॉपी करना है तो फाइल के नाम स्थान पर CHAP?.DOC लिखक सकते हैं। इस फाइल के लिए हम प्रश्न चिह्र (?) वाइल्ड कार्ड कैरेक्टर प्रयोग कर रहे हैं। इसका पहला नाम CHAP से शुरू होता है। इसके बाद में संख्या या अक्षर का एक कैरेक्टर आता है और अन्त में विस्तारित नाम DOC आता है। यदि आपकी पुस्तक में 15अध्याय हैं और फाइलों के नाम CHAP1.DOC से लेकर CHAP15.DOC तक हैं तो आप इसके लिए स्टार (*) वाइल्ड कार्ड कैरेक्टर प्रयोग कर सकते हैं।

अन्य महत्वपूर्ण डॉस कमाण्ड्स (CCC Study Material in Hindi)

Other Important DOS Commands
  • DATE कमाण्ड इस कमाण्ड का प्रयोग कम्प्यूटर की date को देखन तथा सही करने में किया जाता है।
  कमाण्ड संरचना C: \> DATE <Enter> यह लकमाण्ड date को [MM-DD-YY] फॉर्मेट में दर्शाती है। यहाँ पर MM=01 to 12, DD = 01 to 31 YY =00 to 99 है। DATE कमाण्ड के द्वारा अन्य किसी डेट को सेट करने के लिए DATE कमाण्ड के आगे DATE की वैल्यू को भी लिखा जा सकता है। उदाहरण के लिए, हमें आज की दिनांक को 04/10/2014 से सेट करना है तो इसके लिए हमें निम्नलिखित कमाण्ड देनी होगी C: \Folder1 > DATE 10-04-14 <Enter>
  • TIME कमाण्ड इस कमाण्ड का प्रयोग system time को देखने और system time को बदलने के लिए किया जाता है।
 कमाण्ड संरचना C: \> Time <Enter> यह कमाण्ड TIME को निम्न प्रकार से दर्शाती हे C: \> TIME <Enter> HOURS: MINUTES: SECONDS AM/PM TIME कमाण्ड के सामने TIME को स्पेसीफाई करके भी TIME को बदला जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि हम 12 : 43 pm  का समय कम्प्यूटर में सेट करना चाहते हैं तो इसके लिए हम निम्नलिखित कमाण्ड देंगे C: \> Folder1> TIME 12:43 pm <Enter>
  • VER कमाण्ड इस कमाण्ड का प्रयोग कम्प्यूटर में प्रयोग किए जा रहे DOS version को दखने के लिए किया जाता है।
कमाण्ड संरचन C: \> VER <Enter> यदि हम DOS prompt पर VER कमाण्ड को लिखकर <enter> key को दबाते हैं तो मॉनीटर पर निम्न message आता है Microsoft Windows XP [Version 5.1.2600]
  • VOL कमाण्ड इस कमाण्ड का प्रयोग डोस्क का volume label देखने के लिए किया जाता है।
 कमाण्ड संरचना C: \> VOL <Enter> जब हम DOS prompt पर VOL कमाण्ड लिखकर <enter> key को दबाते हैं तो मॉनीटर पर डिस्क का volume label दिखाई पड़ता है। Volume in drive C has no label Volume serial number is 387F –C430
  • CLS कमाण्ड इस कमाण्ड का प्रयोग screen को clear करने के लिए किया जाता है।
  • कमाण्ड संरचना
C: \> VOL <Enter> इस कमाण्ड के द्वारा हम screen को screen को clear करते हैं और cursor को प्रथम पंक्ति के प्रथम कॉलम में ले आते हैं। कम्प्यूटर पर कार्य करते समय सबसे अधिक इसी कमाण्ड का प्रयोग किया ता है।
  • LABEB कमाण्ड इस कमाण्ड का प्रयोग हार्ड डिस्क एवं फ्लॉपी डिस्क के volume label को create करने, बदलने और delete करने में होता है।
कमाण्ड संरचना C: \> LABEL <DRIVE> <LABELNAME> <Enter> इस कमाण्ड के द्वारा हम किसी भी डिस्क का नाम्रण अपनी इच्छानुसार कर सकते हैं। हम किसी भी डिस्क का नास ग्यारह अक्षर तक रख सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह बात भी ध्यान रखने योग्य है कि इन अक्षरों में कोई भी logical अथवा mathematical अक्षर न हो। इसके अतिरिक्त, डिस्क का नामकरण करते समय हमें सिर्फ capital letter का ही उपयोग करना चाहिए। यह कमाण्ड SUBST कमाण्ड द्वारा बनाईअ गई drive पर कार्य नहीं करती है। इसी प्रकार, DOS के द्वारा अस्थाई रूप से बनाई गई किसी भी drive का नामकरण इस कमाण्ड के द्वारा नहीं किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि हम LABEL1 नया लेबल बन जाएगा। यदि कोई value पहले से label के लिए नहीं होगी ते यह value create हो जाएगी अन्यथा पहली value modify हो जाएगी। इसी प्रकार, कोई value प्रॉम्प्ट पर न देने से पहली value delete हो जाएगी। नोट  किसी डायरेक्टरी में बनी सब- डायरेक्टरी को चाइल्ड डायरेक्टरी भी कहते हैं। जिस डायरेक्टरी में यह सब-डायरेक्टरी होती है उसे इस सब-डायरेक्टरी की पेरेन्ट डायरेक्टरी कहते हैं। चाइल्ड डायरेक्टरी को डॉट(.) से प्रदर्शित किया जाता है व पेरेन्ट डायरेक्टरी को डबल डॉट (..) से प्रदर्शित किया जाता है। माना हम वर्तमान डायरेक्टरी से पेरेन्ट डायरेक्टरी के कंटेंट्स को देखना चाहते हैं तो हम निम्न कमाण्ड देंगे C: \Folder1> DIR.. <Enter> ऐसे ही वर्तमान डायरेक्टरी से पेरेन्ट डायरेक्टरी में ABC.TXT फाइल कॉपी निम्न कमाण्ड से किया जा सकता है C: \ Folder1> COPY. \ABC.TXT <Enter> पेरेन्ट डायरेक्टरी में Folder2 डायरेक्टरी बनाने, के लिए निम्न कमाण्ड देनी होगी C: \Folder1> MD.. /Folder2 इस कमाण्ड से Folder2 डायरेक्टरी C:\ मे बनेगी, Folder1 में नहीं। इसे निम्न चित्र 3.8 से प्रदर्शित किया जा सकता है चित्र 1. MD कमांड चलाने के बाद की स्तिथि 
CCC Study Material in Hindi

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नोट  1. हम सब-फोल्डर/डायरेक्टरी का एड्रेस रूट से भी दे सकतेत हैं और सीधे फोल्डररर के नाम से भी दै सकते है। यदि हम सीधे सब – फोल्डर का नाम देते हैं तो यह रलेटिव एड्रस कहलाता है। उदाहरण के लिए, रूट फोल्डर C:\ में स्थित FOL1 फोल्डर में ABC सब – फोल्डर है तो FOL1 फोल्डर के करंट फोल्डर होने पर हम ABC को C:\ FOL1\ABC या ABC से स्पेसीफाई कर सकते हैं। यदि हम ABC सो स्पेसीफाई करते हैं तो यह रिलेटिव एड्रेस कहलाएगा।
  1. कॉपी कमाण्ड का फुल सिन्टेक्स निम्न प्रकार से होता है
COPY [SOURCE ADDRESS] <FILE NAME> [DESTINATION  ADDRESS]  [FILE NAME] <Enter>
  • यदि फाइल करंट फोल्डर से कॉपी की जाती है तो SOURCE ADDRESS को स्पेसीफाई करना आवश्यक नहीं है।
  • यदि फाइल को करंट फोल्डर में कॉपी किया जा रहा है तो डेस्टीनेशन एड्रेस को स्पसीफाई करने की आवश्यकता नहीं है।
  • यदि फाइल को डेस्टिनेशन एड्रेस पर किसी दूसरे नाम से कॉपी नहीं किया जा रहा है तो डेस्टीनेशन एड्रेस के लिए फाइल का नाम स्पेसीफाई करना आवश्यक नहीं है।
  • यदि डेस्टीनेशन करंट फोल्डर है तो डेस्टीनेशन एड्रेस के लिए फाइल का नाम देना आवश्यक है। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो एक ही फोल्डर में ही नाम की दो फाइल्स हो जाएँगी जोकि सम्भव नही है।

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