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CCC Email Addressing Study Material in Hindi

CCC Email Addressing Study Material in Hindi:- NIELIT (DOEACC) CCC Study Material एक और पोस्ट हम आपको शेयर कर रहे है जसमे आप E Mail Addressing किसे कहते है जानेंगे | CCC Computer Exam Question Answer Paper in Hindi and English में Email Networking के बाते में Questions पूछे जाते है जिसके लिए यह पोस्ट बहुत ही महत्त्वपूर्ण है | CCC Study Material in Hindi की इस पोस्ट में हम आपको CCC Important Question Answer in Hindi and English PDF Download करने के लिए जल्द ही पोस्ट शेयर करेंगे | CCC Study Material Download PDF in English भी CCC Computer Exam Question Paper के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होते है | NIELIT CCC Book PDF को Download करने के लिए हमे कमेंट करके बताये | CCC Study Material Download PDF in Hindi and CCC Study Material in English के लिए भी हमे निचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करें |

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8.1.2  ई-मेल ऐड्रेसिंग E-mail Addressing (CCC Study Material)

ई-मेल ऐड्रेसिंग से ताप्पर्य किसी व्यक्ति/संगठन के ई-मेल आईडी से है यह किसी विशेष कम्प्यूटर के एड्रेस से सम्बन्धित नहीं है। ई-मेल आईडी प्रत्येक व्यक्ति/संगठन के लिए अलग होता है। इसको हम इस तथ्य से समझ सकते हैं कि मल्टीयूजर एन्वायरनमेंट में प्रत्येक यूजर अपना विशिष्ट यूजरनेम व पासवर्ड रखता है। ई-मेल आईडी का भी यूजरनेम की तरह से यूनीक होना अनिवार्य है। मुख्य रूप से ई-मेल एड्रेस (E-mail address) के दो भाग होते है-पहला username तथा दूसरा host name अर्थात server name ये दोनों भाग एक विशेष चिह्र a से जुड़े होते हैं। ई-मेल एड्रेस (e-mail address) का पहला भाग username अर्थात् उस प्रयोगकर्ता का नाम है जो कि इस सेवा का उपयोग करना चाहता है। यह नाम प्रत्येक प्रोयगककर्ता के लिए प्रथक् होता है। ई-मेल एड्रेस  (e-mail address)  का दूसरा भाग प्रदाता का डोमेन नाम होता है, जो कि प्रयोगकर्ता नहीं हो सकते। इसी प्रकार एक ही नाम के एक से अधिक डोमेन भी नहीं हो सकते हैं। हम एक प्रयोगकर्ता के नाम से भिन्न-भिन्न डोमेन्स पर (यदि उन पर यह नाम पहले से नहीं है) ई-मेल एड्रेस एड्रेस बना सकते हैं। ई-मेल एड्रेस का पारूप निम्नानुसार होता है इस ई-मेल एड्रेस (e-mail address) कोअनिल अंडरस्कोर कुमार अंडरस्कोर शर्मा 97 एटदारेट याहू डॉट कॉम पढ़ा जाएगा। .यहाँ पर anil-kumar-sharma97 प्रयोगकर्ता के नाम (username) और yahoo.com होस्ट नाम है। ई-मेल मैसेज का स्ट्रक्चर Structure of E-mail Message एक ई-ल मैसेज, ASCII टेक्स्ट फॉर्मेट के बाइनरी डेटा से बनता है। प्रत्येक ई-मेल मैसेज में एक एनवेलप, कुछ हैडर फील्ड्स, एक रिक्त लाइन और एक मैसेज होता है। ई-मेल मैसेज के रइस स्ट्रक्चर को ARPANET द्वारा ट्रांसमशन प्रोटोकॉल को स्टैंडर्ड निर्धानित करन के लिए RFC 821 परिभाषित एवं वर्णित किया गया है। सभी आधुनिक ई-मेल सिस्टम, ई-मेल सैसेज के एनवेलप और कन्टेन्टस (contents) में विभेद करते हैं। एनवेलेप मैसेज की ट्रांसपोर्टिग के लिए आवश्यकता सूचनाओं, जैसे-डेस्टिनेशन एड्रेस (destination address), प्राथमिकता (priority), सूरक्षा स्तर (security level) इत्यादि की जानकारी रखता है, जो मैसेज से भिन्न होते हैं। एनवेलप (envelope के अन्दर जो मैसेज होतै है। उसके दो  भाग होते हैं-हैडर (header) और बॉडी (body) । पहला भाग हैडर, यूजर एजेन्ट के लिए नियन्त्रण सूचनाओ को स्टोर करके रखता है और रदूसरे भाग बॉडी में ई-मेल प्राप्त करने वाले के लिए मैसेज होता है।
  • हैडर फील्ड्स  Header Fields  प्रत्येक ई-मेल मैसेज के निम्न हैडर फील्ड्स होते हैं
हैडर फील्ड                           अर्थ To:                        प्राथमिक प्राप्तकर्ता (प्राइमरी रिसीवर) का ई-मेल एड्रेस Cc:                        दितीयका प्राप्तकर्ता (सेकण्डरी रिसीवर) का ई-मेल एड्रेस Bcc:                       किसी अन्य प्राप्तकर्ता का ई-मेल एड्रेस। यह प्राथमिक और दिवतियक रिसीवर को इस अन्य प्रप्तकर्ता के ई-मेल एड्रेसे की जानकारी नहीं देता। From:                    प्रेषक, जो मैसेज/ई-मेल क्रिएट कर रहा है। Sender:                 ई-मेल प्रेषक का ई-मेल एड्रेस।
  •  To इस हैडर फील्ड में प्राथमिक प्राप्तकर्ता का ई-मेल एड्रेस टाइप किया जातात है। इस हैडर फील्ड में एक अधिक व्यक्ति के ई-मेल एड्रेसेज टाइप किए जा सकते हैं।
  • CC इस हैडर फील्ड में दिवतीयक प्राप्तकर्ता का ई-मेल एड्रेस टाइप किया जाता है। Cc का आशय कार्बन कॉपी (carbon copy) से है। मैनुअल मेल के किसी पत्र की प्रति बनाने के लिए कॉर्बन पेपर का प्रयोग किया जाता था। इस प्रति को कॉर्बन कॉपी (Cc) कहा जाता था। चूँकि यह टर्म कार्यालयी शब्दावली में पूर्णतः स्थापित हो चुका है अतः ई-मेल के परिप्रेक्ष्य में भी ई-मेल के मूल मैसेज की exact copy को भी Cc ही कहा जाता है।
  • Bcc इस हैडर फील्ड मं उस प्राप्तकर्ता का ई-मेल एड्रेस टाइप किया जाता है, जिसको ई-मेल की प्रति तो भेजी जा रही है, परन्तु इसके बारे मे प्राथमिक और दिवतीयका प्राप्तकर्ता को कोई जानकारी नही होती है।
  • From and Sender From हैडर फील्ड यह दर्शाता है कि मैसेज किसने लिखा है और sender हैडर फील्ड यह दर्शाता है कि मैसेज किसने भेजा है। From और Sender फील्ड में की जाने वाली प्रविष्टि एक जैसी भी हो सकती है।
  • बॉडी Body किसी भी ई-मेल मैसेज में हैडर के बाद मैसेज की बॉडी होती है। मैसेज की बॉडी में ई-मेल का प्रेषक अपनी इच्छानुसार मैसेज को टाइप कर सकता है। यधपि ई-मेल मैसेज के साइज की कोई सीमा नहीं है, परन्तु कुछ इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) ई-मेल मैसेज के साइज की सीमा निर्धारित करते है। मैसेज निम्न प्रकार का हो सकता है
  • Text इस प्रकार के मैसेज के कन्टेन्ट (content) में केवल टेक्स्ट होता है। Text  प्रकार के मैसेज भी दो प्रकार के होते हैं-प्लेन (plain) और रिचटेक्स्ट (RICHTEXT) । प्लेन टेक्स्ट में अनफॉर्मेटेड टेक्स्ट और रिचटेक्स्ट में फॉर्मेटेड टेक्स्ट होता है। रिचटेक्स्ट प्रयोगकर्ता को मैसेज के टेक्स्ट में मार्कअप लैंग्वेज (markup language) का प्रयोग करने की सुविधा प्रदान करता है। प्रयोगकर्ता इसमे  टेक्स्ट को बोल्ड अथवा इटेलिक्स कर सकते है, टेक्स्ट के फॉन्ट का आकार छोटा अथवा बड़ा कर सकता है। इतना ही नहीं, यह मैसेज  से सम्बन्धित पेज का लेआउट (layout) भी निर्धारित कर सकता है।
  • इस प्रकार के मैसेज का प्रकार के मैसेज का प्रयोग स्टिल पिक्चर (still pictures) को भेजने के लिए किया जाता हा। इसमें GIF अथवा Jpeg/JPG फॉर्मेट में इमेजजे को भेजा जा सकता है।
  • Audio  इस प्रकार के मैसेज का प्रयोग ध्वनि को भेजने के ले किया जाता है।
  • Video इस प्राकर के मैसेज का  प्रयोग चलचित्र को भेजने के लिए किया जाता है।
चलचित्र की भेजे जाते हैं, उसकी ध्वनि नहीं। ध्वनि के साथ चलचित्र को भेजने के लिए ऑडियो और वीडियो दोनों को भेजना होगा। मैसेज के साथ हम किसी भी अन्य फाइल को अटैचमेंट के रुप में भी भेज सकतेत हैं। प्राप्तकर्ता जब मैसेज को प्राप्त करता है, तो उसे अटैच की गई फाइल को अपने कम्प्यूटर में डाउनलोड करना होता है।

8.1.3   ई-मेल क्लाइंट कॉन्फीगर करना  Configuring E-mail Client (CCC Study Material in Hindi)

ई-मेल सॉफ्टवेयर, यथा आउटलुक एक्सप्रेस (outlook express), नेटस्केप मैसेंजर (Netscape  messenger) इत्याजि को ई-मेल क्लाइंट्स (e-mail clients) कहा जाता है। ई-मेल सॉफ्टवेयर आपको निम्नलिखित सुविधाएँ देते हैं
  1. नया ई-मेल एकाउन्ट खोलना (Opening a new e-mail account)
  2. मैसेजेज को भेजना और रिसीव करना (Sending and receiving messages)
  3. मेल को रीड करना (Replying a message)
  4. मैसेज का रिप्लाई देना (Replying a message)
  5. मैसेज को फॉरवर्ड करना (Forwarding message)
  6. ई-मेल एड्रेसेज को एड्रेस बुक में स्टोर करना (Storing e-mail addresses in an address book)
  7. आने वाले मेल को किसी ई-मेल सर्वर जैसे, IMAP मेल सर्वर पर स्टोर करना (Storing incoming mail on an e-mail server like IMAP mail server)
  8. मैसेज में किसी टेक्स्ट या बाइनरी फाइल को संलग्न करना (Attaching a text or binary file to a message)
  9. मेल को किसी फाइल में सेव करना और मैसेज को प्रिंट करना (Saving mail to a file and printing the message)
  10. मैसेज को सुरक्षा के ख्याल से डिजिटली साइन करना और इन्क्रिप्ट करना (Digitally signing and encrypting the message)
  11. न्यूजग्रुप के मैसेजेज को ऑफलाइन रीड करने के लिए डानलोड करना (Downloading newsgroup messages for offline reading)
यहाँ पर हम दो ई-मेल क्लाइंट्स-नेटस्केप मैसेंजर (Netscape messenger) और आउटलुक एक्सप्रेस (outlook express) के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। नेटस्केप मैसेंजरः एक ई-मेल क्लाइंट Netscape Messenger : An E-mail Client  नेटस्केप मैसेंजर (Netscape messenger), नेटस्केप कम्यूनिकेटर (Netscape communicator) नामक स्यूट (suit) का एक ई-मेल प्रोग्राम/सॉफ्टवेयर है। नेटस्केप मैसेंजर (Netscape messenger), नेटस्केप मेल (Netscape mail नामक ई-मेल प्रोग्राम का समुन्नत संस्करण है। नेटस्केप मेल (Netscape messenger)आपको आसानी और तेजी से ई-मेल और न्यूज को भेजने और रिसीव (receive)  करने की सुविधा देता है। आउटलुक एक्सप्रेसः एक ई-मेल क्लाइंट Outlook Express : An E-mail Client आउटलुक एक्सप्रेस (outlook express), माइक्रोसॉफ्ट का एक ई-मेल प्रोग्राम/सॉफ्टवेयर है, जो विंडोज 9X ऑपरेटिंग सिस्टम और इंटरनेट एक्सप्लोरर 4.0 (internet explorer 4.0) के बाद के संस्करणों में सन्निहित होता है। आउटलुक एक्सप्रेस (outlook express),  ऑनलाइन कम्यूनिकेशन (online communication) की दुनिया को आपके कम्पयूटर के डेस्कटॉप पर समेटता है। यदि आप अपने दोस्तों और सहपाठियों से ई-मेल का आदान-प्रादान करना चाहते हैं तो आप आउटलुक एक्सप्रेस का प्रयोग कर सकते हैं। यदि आप अपने विचारों और सूचनाओं से संसार को अवगत करना चाहते हैं, तो आप आउटलुक एक्सप्रेस का प्रयोग कर न्यूजग्रुप्स (newsgroups) को ज्वाइन (join)  कर सकते हैं। आप आउटलुक एक्सप्रेस (outlook express) की सहायता से अग्रलिखित कार्यो को सम्पादित कर सकते हैं
  • यदि आपके पास एक से अधिक ई-मेल एकाउन्ट (e-mail account) और न्यूजग्रुप एकाउन्ट ( newsgroup account) हैं, तो आप उन्हें आउटलुक एक्सप्रेस की सहायता से एक ही विंडो से मैनेज (Manage) कर सकते हैं। आउटलुक एक्सप्रेस की सहायता से आप एक ही कम्प्यूटर के लिए एक ससे अधिक यूजर (multiple users) अर्थात आइडेन्टिटीज (identities) क्रिएट कर सकते हैं। विदित हो कि प्रत्येक आइडेन्टिटी (identity) अर्थात यूजर का यूनिक ई-मेल फोल्डर (an UNIQE identities) और खास एड्रेस बुक (address book) होता है। ज्ञात हो कि मल्टीपल आइडेन्टिटीज (multiple identities) आपको अपने कार्य सम्बन्धी ई-मेल (work e-mail) से व्यक्तिगत ई-मेल को प्रथक रखने में सहायता करते हैं।
  • आउटलुक एक्सप्रेस में आप मैसेज लिस्ट (message list) और प्रिव्यू पेन (Preview pane) का प्रयोग कर एक साथ मैसेजेज की एक सूची को देख सकते हैं। आउटलुक एक्सप्रेस के फोल्डर लिस्ट (folder list)  में मेल फोल्डर्स (mail folders), न्यूज सर्वर्स (news servers), और न्यूजग्रुप्स  (newsgroups) सम्मिलित होते हैं, जिनके बीच आप सरलता से स्विच  (switch)  कर सकते हैं। आउटलुक एक्सप्रेस आपको मैसेजेज को व्यवस्थित और सॉर्ट (sort) करने के लिए न केवल नये फोल्डर्स (folders) को क्रिएट करने की सुविधा देता है, वरन् आने वाले मैसेजेज (incoming  messages) के लिए मैसेज रूल्स (message rules)  को भी निर्धारित करने की सुविधा प्रदान करता है, ताकि आने वाले मैसेज स्वतः निर्दिष्ट किए गए क्राइटेरिया (criteria) के मुताबिक विशिष्ट फोल्डर में चले जाएँ।
  • यदि आपका इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) आऩे वाले ई-मेल के लिए IMAP ई-मेल सर्वर (IMAP e-mail server) का प्योग करता है, तो आप आआउटलुक एक्सप्रेस की सहायता से अपने एकाउन्ट के ई-मेल्स  (e-mails) को अपने कम्प्यूटर पर बिना डाउनलोड (download)  किए हुए ही रीड (read), स्टोर और व्यवस्थित कर सकते हैं। इस प्रकार आप मैसेजेज को किसी भी कम्प्यूटर से देख सकते हैं।
  • आउटलुक एक्सप्रेस आपको विभिन्न व्यक्तियो के नाम और ई-मेल एड्रेस को एक एड्रेस बुक (address book) में स्टोर करने की सुविधा देता है। जब आप किसी मैसेजेज को रिप्लाई (reply) देते हैं तो आउटलुक एक्सप्रेस स्वतः रिप्लाई (reply) दिए जा रहे व्यक्ति का एड्रेस (address), एड्रेस बुक (address book) में स्टोर कर देता है।र यह आपको अन्य प्रोग्राम से भी एड्रेसेज (address), को इम्पोर्ट (import) कर उन्हें ऐड्रेस बुक (address book) में स्टोर करने की सुविधा देता है।
  • आउटलुक एक्सप्रेस सिक्योर मैसेजेज (secure messages) को सेन्ड/रिसीव (send/receive) करने के लिए आपको मैसेजेज को डिजिटली साइन (digitally sign) करने और इन्क्रिप्ट (encrypt) करने की सुविधा प्रदान करता है। जब आप किसी मैसेजे को डिजिटली साइन (digitally sign) करते हैं, तो रिसीवर (receiver) इस बात के लिए सुनिश्चित हो जाता है कि मैसेज आपने ही भेजा हैं। मैसेज को इन्क्रिप्ट (encrypt) करने पर मैसेज को वे ही रिसीवर (receiver) पढ़ सकते हैं, जिन्हें मैसेज भेजा गया होता है।
  • आउटलुक एक्सप्रेस आपको मैसेजेज और नयूज (news) के बाद में ऑफलाइन (offline) पढ़ने के लिए उन्हें डाउनलोड (download) करने की भी सुविधा देता है, अतः आपको मैसेजेज को बाद में पढ़ने के लिए अपने ISP  से कनेक्ट होने की आवश्यकता नहीं होती है।

 8.1.4   ई-मेल इन्क्रिप्शन E-mail Encryption (NIELIT DOEACC CCC Study Mateiral)

इसमें हम ई-मेल को भेजन से पहले इन्क्रिप्ट कर देते हैं ताकि मैसेज को भेजन के दौरान यदि कोई व्यक्ति मैसेजेज को ट्रेप कर ले तो वो उसकी सूचना को रीडेबल फॉर्मेट में प्राप्त ना कर सके। ई-मेल इन्क्रिप्शन (e-mail Encryption) को कार्यान्वित करन के लिए किसी खास इन्क्रिप्शन एल्गोरिथ्म (encryption algorithm), जैसे –RC2   (40-bit and 128-bit), DES (56-bit), 3DES (168-bit) इत्यादि का प्रयोग किया जाता है। किसी इन्क्रिप्ट किए गए मैसेज को रीड (read) करने से पहले उसे डिक्रप्ट (decrypt) करना आवश्यक होता है। चुँकि ज्यादातर लोग ई-मेल द्वारा अपनी गुप्त और व्यक्तिगत मैसेज/इन्फॉर्मेशन भेजते हैं, अतः केवल रेसिपिएंट (recipient ) को छोडकर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा इस इन्टरसेप्ट (intercept) नहीं किया जाना चाहिए। आउटलुक एक्सप्रेस (Outlook express) एक ई-मेल क्लाइंट सॉफ्टवेयर है, जो आपको डिजिटल –ID (digital-ID) का प्रयोग कर मेल को इन्क्रिप्ट करने की सुविधा देता है। विदित हो कि  एक डिजिटल –ID (digital-ID)  एक पब्लिक की ( a public key ), एक प्राइवेट की (a private key) और एक डिजिटल सिग्नेचर (a digital-ID signature)  का बना होता है। आउटलुक एक्सप्रेस के माध्यम से किसी मैसेज/ई-मेल को इन्क्रिप्ट (encrypt) करने के लिए आपको उस मैसेज को डिजिटली साइन (digitally sign) करना पडता है। जब आप किसी मैसेज को डिजिटली साइन (digitally sign) करते हैं, तो उस मैसेज में आपका डिजिटल सिग्नेचर (digital signature) और पब्लिक की (Public key) एड (add) हो जाती हैं। विदित हो कि एक डिजिटल सिग्नेचर (a digital signature)  और एक पब्लिक की (a public key ) के संयोग को एक सर्टिफिकेट (a certificate) कहा जाता है। ई-मेल के रिसिपिएंट (recipient) द्वारा आपकी पहचान (identity) की जॉच करने के लिए आपके डिजिटल सिग्नेचर (digital signature) का प्रयोग किया जाता है, जबकि आपको इन्क्रिप्टेड मैसेज भेजने के लिए रेसिपिएंट (recipient) द्वारा आपकी पब्लिक की (public key) का प्रयोग का प्रयोग किया जाता है, जिसे केवल आप अपनी प्राइवेट की  (Private key) का प्योग कर रीड  (read) कर सकते हैं। किसी मैसेज को डिजिटल साइन (digitally sign) कर अर्थात् इन्क्रिप्ट कर भेजने के लिए आपको एक डिजिटल –ID प्राप्त करने की आवश्यक्ता होती है। किसी एक्सटरनल सर्टिफाइंग अथॉरिटी (External certifying authority) से एक डिजिटल-ID प्रप्त करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स (steps) का अनुसरण करें
  1. Microsoft outlook ऐप्लिकेशन विंडो के tools मेन्यू पर क्लिक कर options नामक ऑप्शन पर क्लिक करें। परिणामस्वरूप options डायलॉग बॉक्स प्रदर्शित होगा।
  2. Options डायलॉग बॉक्स के security नामक टैब पर क्लिक कर get a digital-ID नामक बटन पर क्लिक करे।
परिणामस्वरूप Microsoft outlook आपको वेब ब्राउजर को स्टार्ट करेगा और माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस की वेबसाइट पर एक वेब पेज को ओपन (open) करेगा। उस लिंक को क्लिक करें, जो आपको क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हो। परणामस्वरूप, एक दूसरा वेब पेज ओपन (open) होगा, जिसमें अनेक सर्टिफिकेशन अथॉरिटीज (certification authorities) की एक सूची होगी। इस सूची में से उस लिंक पर क्लकि करें, जिसका आप प्रयोग करना चाहते हैं और इसके पश्चात् अपनी डिजिटल –ID (digital-ID) को रजिस्टर करने के ले अनुदेशों (instructions) का अनुपालन करें। सर्टिफिकेशन अथॉरिटी (certification authority) आपको एक डिजिटल-ID (digital-ID) भेज देगी।

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