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CCC Digital Financial Services Study Material in Hindi

  CCC Digital Financial Services Study Material in Hindi:- NIELIT (DOEACC) CCC Study Material की आज की नई पोस्ट में आप सभी अभ्यर्थियो को स्वागत करते है आज हम CCC Study Material in Hindi में एक नए टॉपिक के उपर पढ़ने जा रहे है और वो टॉपिक है डिजिटल फाइनेंशियल सर्विसेस की एप्लीकेशनस (Applications of Digital Financial Services) और इसे CCC Exam Question Answer Paper में बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है | इस टॉपिक को अभ्यर्थी CCC Study Material in English में भी पढ़ सकते है | अभ्यर्थियो को बता दे की अभ्यर्थी Arihant CCC Book PDF को Online ढूंढते रहते है लेकिन उन्हें उनके मतलब का NIELIT CCC BOOK PDF नही मिल पाती लेकिन आप हमारी वेबसाइट ससे CCC Notes in Hindi PDF Download व Arihant CCC book pdf in English भी पढ़ सकते है | Arihant CCC Book PDF Download in Hindi के लिए अभ्यर्थियो को Online इधर उधर भटकने की आवश्यकता नही क्योकि आपको हमारी Website से CCC Book in hindi PDF 2018 2019 आराम से मिल जाती है | जब अभ्यर्थी CCC Study Material and Arihant CCC book PDF Free Download करने के बाद पढ़ लेते है तो उन्हें उसके बाद CCC Question Answer (Exercise) and CCC Question Paper को भी पढ़ना जरूरी होता है | CCC Sample Model Question Answer Paper and Notes को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट सक्षम है जो आपको CCC Online Demo Test के साथ साथ CCC Model Paper and Notes Free में पढ़ने के लिए देती है |

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डिजिटल फाइनेंशियल सर्विसेस् की एप्लिकेशन्स (Applications of Digital Financial Services) (CCC Study Material)

8.0 परिचय (Introduction)

डिजिटल फाइनेंशियल सर्विसेस् नई टेक्नोलॉजी जैसे इंटरनेट या मोबाइल फोन्स् के माध्यम से फाइनेंस की बेसिक सर्विसेस् को आम जनता तक पहुँचाती है, औऱ नये डिजिटल चैनल के माध्यम से रूपयों को ट्रांसफर करती है। ये चैनल्स कम्टमर और सर्विस प्रोवाइडर के खर्च को कम करते हैं तथा 365 दिनों और चौबिसों घंटे की सर्विस देने के लिए रास्ते खोलतें हैं। (चित्र 8.1) चित्र 8.1 : डिजिटल फाइनेंशियल सर्विस
CCC Study Material

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8.1   उददेश्य (Objectives) पाठक निम्नलिखित बिन्दुओं को समझने में सक्षम हो जाएगाः
  • सेविंग्स की जरूरतें
  • घर में कैश रखने से हानियाँ
  • बैंक की जरूरत क्यों है, बैंकिग प्रोडक्ट
  • बैंक में अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट
  • बैंकिंग सर्विस चैनल्स I और II
  • इन्श्योरेंस
  • अनेक स्किम्स

8.2  सेविंग की जरूरत क्यो है? (Why Saving are Needed?) (CCC Study Material in Hindi)

हमारे भविष्य की जरूरतों के लिए, एमरजेंसी में, और बड़े खर्चे को पूरा करने में सेविंग मदद करती है।

8.2.1 एमरजेंसीज (Emergencies) (CCC Study Material in PDF)

हर एक के लिए सेविंग सबसे प्रायोरिटी में होना चाहिए, यह आपको अनचाही एमरजेंसीज  का सामना आसानी से करने में मदद करती है। जैसे किः
  • एमरजेंसी फण्ड फण्ड आप क न सिर्फ धन उपलब्ध करता है बल्कि मन की शान्ति भी देता है।
  • अचानक आने वाले एक्सपेंसेस जैसे बीमारियाँ जैसे बीमारियाँ, एक्सीडेंट, कमाने वाले व्यक्ति की मौत, आग लगना, बाढ आना, आदि।
  • जॉब का चले जाना या अचानक इन्कम बन्द हो जाना।
  • यह आपको किसी से उधार लेने से बचाता है।

8.2.2 भविष्य की जरूरतें (Future Needs) (CCC Study Material in PDF Download)

हम इसलिए सेविंग करते हैं क्योंकि हम भविष्य नहीं देख सकते हैं। निम्नलिखित कुछ कारण है जिनकी वजह से हम सेविंग करते हैं (चित्र 8.2)
  • कुछ ऐसी चीज को खरीदना जिसे रेगुलर इन्कम से नहीं लिया जा सकता है।
  • बुढापे के दिनों में जरूरत को पूरा करने में मदद करती है क्योंकि तब व्यक्ति कमाई करने लायक नहीं रहता है।
  • हर साल एजुकेशन पर खर्च बढ़ता जा रहा है और यह आपकी फैमिली मेम्बर को अच्छी एजुकेशन देने में मदद करती है।
चित्र 8.2 :  सेविंग्स
CCC Study Material in Hindi

CCC Study Material in Hindi

  • नये बिजनेस को शुरू करना, अपना घर खरीदना।
  • रिटायरमेंट के बाद अचानक आने वाले खर्ज।
  • भविष्य में जब इन्कम कम और खर्च ज्यादा हो जाता है।

8.2.3 बड़े एक्सपेंस (Large Expense) (NIELIT CCC Study Material)

अक्सर बड़े एक्सपेंसेस् जैसे घर रखरीदना, शादी पढ़ाई आदि, बहुत ही अनुचित समय पर आते हैं और ये ब़ड़े ऐक्सपेंसेस् निम्नलिखित हैः
  • फैमिली मेम्बर की देश या विदेश में पढ़ाई के लिये प्लान करना।
  • शादी के लिये प्लान करना।
  • घर खरीदना।
  • बिजनेश स्टार्ट करना।

8.3.3  घरों में कैश रखने से हानियाँ (Drawbacks of Keeping Cash at Home) (NIELIT CCC Study Material in Hindi)

धन घर में रखा है तो यह किसी व्यक्ति के द्वारा चोरी किया जा सकता है। इस सेक्शन में हम धन को घर में रखने से होने वाली हानियों के बारें में पढ़ेंगे। 8.3.1 असुरक्षित (Unsafe) अगर आप घर में कैश रखते हैं तो यह चोरी हो सकता है अथवा आग लगने जैसी घटना से क्षति पहुँ सकती है। 8.3.3 व्रध्दि का न होना (Loss of Growth Opportunity)  बैंक में धन रखने से आपर उस पर अतिरिक्त धन पा सकते हैं। 8.3.3 क्रेडिट एलिजिबिलिटी का न होना (No Credit Eligibility) धन को बैंक में जमा करने से आपकी क्रेडिट एलिजिबिलिटी बनती है।
  • आप क्रेडिट कार्ड या लोन के लिए एलिजिबल नही होते क्योंकि आपकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होती है।
  • बैंक आपकी भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन दे सकती हैं।

CCC Study Material in English में पढ़े |

CCC Study Material in English

8.4 बैंक की जरूरत क्यों हैं? (Why Bank is Neede?) (NIELIT CCC Study Material in PDF)

बैंक एक फाइनेशिंयल इंस्टिट्यूशन है जो आपके द्वारा किये गये ट्रांजेक्शन में इन्टरमीडिएट का रोल अदा करता है, और पैसों की सुरक्षा तथा मनी लेडिगं संबधित सर्विस प्रदान करता है यह सरकार की सहमती से बनी एक ऑर्गनाइजेशन होती है जोकि कैश डिपॉजिट, इन्ट्रसट पे करना, तथा किसी व्यक्ति की जरूरत की सभी फाइईनेंशियल सर्विस प्रदान करती है (चित्र 8.3) चित्र 8.3 : बैंक की जरूरत
NIELIT CCC Study Material

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  • रूपयो के सेफ्टी।
  • सेविंग की आदत को बढ़ावा देता है।
  • इन्ट्रस्ट प्रदान करना।
  • चेक/डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से पेमेंट करना।
  • लोन-होम/बिजनेस/व्हीकल।
  • चिट फण्ड तथा साहुकार के रिस्क को ख्तम करना।
  • ऑन लाइन बैंकिंग।
  • बैंक लॉकर्स देना।
  • क्रेडिट/डिबिट कार्ड इशू करना।

8.4.1 सिक्योर मनी, इन्ट्रस्ट पाना, लोन पाना (Secure Money, Earn Interest and Get Loans) (DOEACC CCC Study Material)

  • बैंक में पैसे सेव करने से आप इस पर इन्ट्रस्ट पा सकते हैं।
  • सेविंग अकाउन्ट पर मिलने वाला रेट ऑफ इन्ट्रस्ट इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपने कितना धन बैंक में सेव किया है, जितना अधिक धन, जितने अधिक समय के लिए बैंक में रखेंगे उतना ही अधिक इन्ट्रस्ट पा सकते हैं।
  • अगर आप के संबंध बैंक के साथ अच्छे हैं तो आप अपने बैंक से लोन (जैसे, वीह्कल, हाउस या एजुकेशन, बिजनेश लोन, आदि) ले सकते हैं। क्योंकि प जो भी धन बैंक में जमा करते हैं उससे आपकी क्रेडिट एलिजिबिलिटी बनती है।
  • अगर आप सुरक्षा कारणों से कैश अपने साथ नहीं रखना चाहते हैं तो आप इसकी जगह क्रेडिट कार्ड का प्रयोग कर सकते हैं।
  • यह आपके धन को सुरक्षा देता है क्योंकि घर पर रखा धन चोरी भी हो सकता है।

8.4.2 सेविंग करने की आदत बनाना (Inculcate Habit of Saving) (CCC Study Material 2018)

व्यक्ति जो बिजनेस या जॉब कर रहा है, स्टूडेंट है, बच्चा है, या घरेलु औरतें हैं, सभी में सेविंग करने की आदत जरूर रहोनी चाहिए। यह आपको भविष्य में मदद कर सकता है।

8.4.3 चेक तथा डिमांड ड्राफ्ट से भेजने जाने वाली रकम (Remittance Using Cheque/Demand Draft) (CCC Study Material 2019)

बैंक, एक बैंक से दूसरे बैंक (देश या विदेश) में चेक अथवा डिमांड ड्राउट द्वारा भेजे जाने वले धन के लिए इन्टरमीडिएट का काम करता है।

8.4.4 साहूकार, चिट फंड्स् से बचें (Avoid Risk of Chit Funds and Sahukars) (CCC Study Material in PDF Download in Hindi)

चिट फंड्स (Chit Funds) चिट क ट्रांजेक्शन है जिसमे एक व्यक्ति कई व्यकितियों के साथ मिलकर एग्रीमेंट करता है। इसमें व्यक्ति एक तय की गई अमाउंट को पेरिओडिकली सब्सक्राइब करते हैं। इस प्रकार के सब्सक्रिप्शन से धन उस व्यक्ति का नम्बर आने पर, चिट एग्रीमेंट के अनूसार टेंडर द्वारा, ऑक्शन द्वारा या अन्य किसी मेथड द्वारा उसे मिल जाता है। चिट फण्ड फ्रॉड एक बड़ा इश्यू बन गया है और बहुत  सारे लोग उसके द्वारा ठगे जा चुके हैं। इकट्ठा किये गए धन को लेकर फण्ड मैनेजर भाग सकते हैं। मेम्बर भी इन्सटालमेंट देने में गड़बडी कर सकते हैं और पहली बिड जितने के बाद भाग सकते है डिस्काउन्ट रेट में धांधली हो सकती है और जरूरतमंद को ज्यादा अमाउण्ट देना पड़ सकता है। इन्हीं वजहों से चिट फण्ड में इन्वेस्टमेंट करने की सलाह नही दी जाती है। साहूकार (SAHUKARS)  यह एक प्रकार का मनी लेंडर होता है जो आपको अधिक ब्याज दरों पर लोन प्रोवाइड करता है। लोग ज्यादातर इनके पास तब तक आते हैं जब बैंक उन्हें लोन देने से मना कर देता है। साहूकारों के द्वारा किए जाने वाले कुछ अनुचित कार्य (Unfair  Practices of  SAHUKARS)  साहूकार आपको कई प्रकार से धोखा दे सकते हैः
  • ये लिए गए लोन की रकम में बदलाव करके लोन दी गयी रकम से अधिक पैसे लिख सकते हैं।
  • ये लिए गए धन की वापसी रसे संबधित कोई रसीद नहीं हैं, और कभी-कभी साहुकार मना कर देता है कि उसे कोई धन वापिस नहीं दिया गया है। ये बहुत ज्यादा इन्ट्रस्ट लेते हैं।
फैक्टः बैंकों द्वारा दिए जाने वालि रकम पर लगने वाला इन्ट्रस्ट साहूकारों की तुलना में बहुत कम होता है. इसलिये अगर मनी लेंडर 3 प्रति महीने का इन्ट्रस्ट साहूकारों की तुलना में बहुतकम होता है. इसलिये अगर मनी लेंडर 3 प्रति महीना का इन्ट्रेस्ट मेंशन करता है तो इसका मतलब य़ह 38 प्रति इयर होगा, जबकि बैंक टर्म डिपोजिट पर ज्यादा से ज्यादा 12-15% प्रति इयर का इन्ट्रस्ट लेती है।

8.5 बैंकिंग प्रोडक्ट (Banking Products) (CCC Important Study Material)

बैंक न केवल आपको आपका धन और जेवरातों को लाकर्स में सेफ रखने के लिए सुरक्षित जगह प्रदान करता है, बल्कि ये आपको अकाउन्ट और ऐसे प्रोडक्टस् मुहैया कराते हैं जिससे आप अपना बिल पे करकत सकते हैं और अपने धन पर इन्ट्रस्ट पाकर धन बढ़ा सकते हैं।

8.5.1 अकाउन्ट और डिपाजिट के प्रकार (Types of Accounts and Deposit) (CCC Notes)

अकाउण्ट (Account)  चित्र 8.4)
  1. सेविंग अकाउन्टः यह अकाउन्ट सेविंग से संबंधित है। इसकी सबसे खास बात यह है कि बैंक इसमें रखे रूपयो पर ब्याज देता है।
फीचर्स:
  • फण्ड के डिपोजिट एवं विड्रोल में फ्लेक्सिबिलिटी |
  • पासबुक, चेकबुक, ए.टी.एम्. कम डेबिट कार्ड कस्टमर को इशु किया जाता है |
  • अकाउंट डिपोजिट पर इंट्रस्ट दिया जाता है |
  1. करेंट अकाउंट: यह सामान्यत: बिजनेस पर्सन, कम्पनीज, पब्लिक एंटरप्राइजेज, आदि के लिए होता है |
फीचर्स:
  • करेंट अकाउंट किसी फर्म या कम्पनी के नाम पर खोला जाता है |
  • इसमें नम्बर ऑफ ट्रांजेक्शन की कोई सीमा नही होती है |
  • इसमें बैंक द्वारा कोई इंट्रस्ट पे नही किया जाता है |
  1. NRO/NRE/FCNR अकाउंट
  • फोरेन करेंसी नान रेजिडेंट अकाउंट (FCNR): यह अकाउंट NRI के द्वारा उनकी करेंसी के अनुसार खोला जाता है जैसे, यु. एस. डॉलर (USD) ग्रेट ब्रिटेन पाउंड (GBP), यूरो (EUR), जापानी येन (JPY), कनाडियन डॉलर (CAD) और ऑस्ट्रेलियन डॉलर (AUD), आदि |
  • नॉन-रेजिडेंट (एक्सटर्नल) रूपी अकाउंट (NR(E)RA): NR (E)RA एक रूपी अकाउंट है और इसके माध्यम से एन.आर.आई. विदेश से भारत में अपना पैसा दाल सकते है तथा भारत से बाहर रुपया ले जा सकते है |
डिपोजिट (Deposit) चित्र (8.4)
  1. टर्म-फिक्स्ड डिपोजिट: इसके अंतर्गत हम किसी निश्चित समय के लिए एक पर्टिकुलर अमाउंट को बैंक में जमा करते है |
चित्र 8.4: अकाउंट और डिपोजिट के प्रकार
CCC Notes

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फीचर्स
  • टर्म डिपोजिट फिक्स्ड टेन्यर जैसे 7 दिन से लेकर 10 साल तक का होता है |
  • टर्म डिपोजिट पर बैंक हाइअर इंट्रस्ट पे करती है |
  • इंट्रस्ट को मंथली या क्वार्टली इंटरवल पर विथ्ड्रो किया जा सकता है |
  1. रिकरिंग डिपोजिट: इसके अंतर्गत हम रेगुलर रूप से एक निर्धारित धन को बैंक में जमा करके अधिक ब्याज ले सकते है |
फीचर्स:
  • फिक्स्ड पीरियड के लिए धन का पीरियाडिक डिपोजिट होता है |
  • इस पर मिलने वाला इंट्रस्ट सेविंग अकाउंट से अधिक होता है |
  • धन को मैचोरिटी पर या प्री-मैचोरिटी क्लोज पर ही निकाला जा सकता है |
  1. स्माल अकाउंट:
  • स्माल अकाउंट को किसी बैंक ऑफिशियल के सामने रीसेंट फोटोग्राफी को सबमिट करके तथा अपना सिग्नेचर या थम्ब इम्प्रेशन लगाकर खोला जा सकता है |
  • यह 12 महीने के लिए वैलिड रहता है
  • बैंक बैलेंस किसी भी समय रूपये 50000/- से अधिक नहीं होना चाहिए।
  1. बेसिक सेविंग बैंक अकाउन्ट
  • इसमें मिनिमम बैलेंस की कोई रिक्वायरमेंट् नहीं होती है।
  • डेबिट कार्ड की फैसिलिटी दी जाती है।
  • 10 साल से अधिक उम्र वाला कोई भी इंडिविजुअल अपना बेसिक सेविंग बैंक अकाउन्ट खोल सकता है।
नोटः इन्ट्रस्ट रेट बैंक पर डिपेंड करता है तथा समय-समय पर यह बदलता रहता है।

8.5.2   लोन वा ओवरड्राफ्ट के प्रकार  (Types of Loan and Overdraft) (CCC Notes in Hindi)

बैंक होम, कार, हाउस गुड्स, बिजनेस, एजुकेशन, आदि के लिये लोन प्रोवाइड करते हैं। बैंक एकोनोमिक एक्टिविटीज जैसे ऐग्रिक्लचर, बिजनेस, इन्डस्ट्री और सर्विस स्क्टर आदि को भी लोन प्रोवाइड करते हैं। बैंक द्वारा लिया जाने वाला इन्ट्रस्ट, मनी लंडर से कम होता है।
  • होम लोनः इसी प्रकार का लोन व्यक्ति द्वारा उसके घर से समबंधति परर्स जैसे कंस्ट्रक्शन, रिनोवेशन, प्रॉपर्टी खरीदने या स्टैम्प डयुटीज देने, आदि के लिये किया जाता है। होमलोन में एडजस्टेबल य़ा फिक्स्ड इन्ट्रस्ट और पेमेन्ट टर्म होता है।
  • पर्सनल लोनः इस प्रकार का लोन कर्ज अदा करने, शादी में खर्च के लिये, छुटिट्यां एन्जॉय करने के लिए, व्यक्ति की माली हालत देख कर दिया जाता है।
  • एजुकेशन लोनः यह लोन उन स्टूडेंट्स को दिय जाता है जो इंडिया में या विदेश में रहकर हाइयर एजुकेशन लेना चाहते हैं।
  • बिज़नेश लोनःइस प्रकार का लोन या तो एक्जिस्टिंग बिजनेस या उन्हें जो नया बिज़नेस डालना चाहते हैं उनकी इंडिविजुअल क्रेडेशियल को देखकर दिया जाता है। एग्जिस्टिंग बिज़नेस के लिये लोन निम्नलिखित तरीकों से दिया जाता हैः
    • टर्म लोनः इस प्रकार का लोन एक विशिष्ट इन्ट्रस्ट रेट के साथ फिक्स्ड टेन्यर जैसे तीन साल जैसे छोटे समय या लॉन्ग टर्म लेन जैसे दस से पन्द्रह सालों के लिये दिया जाता है। इसमें आप लोन का पार्ट तथा इस पर लगने वाले इन्ट्रस्ट का पार्ट हर महीने की इंस्टालमेंट में पे करते हैं।
    • बैंक ओवरड्राफ्ट लिमिट्सः इस प्रकार के लोन में आपने जितना रूपया जमा किया है उससे अधिक निकाल सकते हैं।
    • बिल डिस्काउन्टः कुछ समय के लिए उधार लेना किसी कम्पनि के वर्किंग कैपिटल को और कैश फ्लो को कम्पनी द्वारा  रेज की गई बिल/इवॉइस को इम्प्रूव कर सकते है।
    • इन्टरनेशनल बिजनेस के लिए लेटर ऑफ क्रेडिटः बैक बाइअर की पेमेन्ट के लिए सेलर को एक निश्चित समय के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट जारी करता है।
    • ह्पेथेकेशनः कर्ज लेने वाले की कोई कीमती चिज पर बैंक लोन देता है तथा जब तक कर्ज चुका न दिया जाए तब तक इस चीज का मालिक कर्जजाक ही होता है।
  • व्हीकल लोनः इस प्रकार का लोन नये या पुराने व्हीकल की खरीद के लिए दिया जाता है। इसके ब्याज का रेट बैंक का रेट बैंक पर निर्भर करता है तथी उसकू रूपन्मट ई.एम.आई. के माध्यम से या अर्ली रीपमेंट से होती है।
  • लोन अगेंस्ट PPF: PPF (पब्लिक प्रोविडेंड फण्ड) इन्श्यरेंस पालिसी/बांड्स/शेयर्स को बैंक में सिक्यूरिटी के लिए रखकर लोन दिय जाता है।
  • गोल्ड लोनः गोल्ड को बैंक रमें सिक्योरिटी के लिए रखकर लोन दया जाता है।
ओवरड्राफ्ट (Overdraft) यह एक प्रकार का लोन एग्रीमेंट है जिसके तहत बैंक करंट अकाउन्ट में क मैक्सिमम अमाउन्ट (ओवरड्राफ्ट लिमिट) क्रेडिट करता है। दाहरण, सपोज आपके पास एक करंट अकाउन्ट है जिसमें 10,000/-रूपये हैं। अचानक आपको 15000/- रूपयो की जरूरत पड़ती है। बै3क आपको 5,000/- रूपयो की जरूरत पड़ती है। बैंक आपको 5,000/- दे देता है, लेकिन इसके लिये पको बैंक  द्वारा जारी कुछ टर्म और कंडीशन को मानना होगा।

8.5.3 चेक और डिमांड ड्राफ्ट को भरना। (Filling up of  CHEQUE and Demand draft) (NIELIT CCC Study Material Online)

चेक को कैसे भरें? (How to Fill Cheque)? चेक को भरते समय, व्यक्ति को डेट, व्यक्ति कम्पनी (पेयी) का नाम, पेड अमाउन्ट को फिगर तथा वर्ड में भरना होता है। चित्र 8.5 में एक चेक तथा इसके विभिन्न भागों को दिखाया गया है। चेक को भरने के लियेः
  • ट्रांजेक्शन अप्रूव करने के लिए सिग्नेचर अपने नाम के ऊपर करें।
  • MICR (मैग्नेटिक इन्क कैरेक्ट रिकग्निशन) के ऊपर साइन न करें।
  • डेट डालना न भूलें।
  • चेक पर किसी प्रकार की ओवरराइट/कटिंग न करें।
  • चेक बुक के फ्रंट पेज पर, अपने चेक का रिकॉर्ड रखें।
चित्र 8.6 में एक चेक दिखाया गया है जिसमें ओवरराइटिंग कटिंग की गई है।
CCC Notes in Hindi

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डिमांड ड्राफ्ट को कैसे भरे?(How to Fill Demand DRAF (DD)? मान लीजिए आप 50,000/- रूपये का डिमांड ड्राफ्ट बनाना चाहते हैं। बैंक चित्र 8.6 : चेक जिसमे ओवरराइटिंग/कटिंग की गयी है 
NIELIT CCC Notes in Hindi

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चित्र :- 8.7 सैम्पल डिमांड ड्राफ्ट
DOEACC CCC Study Material

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आप को एक फॉर्म देगा इसमें आपको अमाउन्ट भरना होगा, यदि आप चेक दे रहे हैं तो चेक नंबर भरना होगा, उसका नाम जिसके लिए आप डिमांड ड्राफ्ट इशू करवाना चाहते हैं तथा सिग्नेचर आदि डालें। फॉर्म भरकर इसके साथ कैश चैक संबधित बैंक एम्प्लॉई को दे। वह आपको रिसिप्ट दे देगा। आप से डिमांडड्राफ्ट बनाने के लिए बैंक कुछ कमीशन/चार्ज लेगा। चित्र 8.7 में एक सैम्पल डिमांडड्राफ्ट दिखाया गया है।

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