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CCC Antivirus Software Installation Study Material in Hindi

  CCC Antivirus Software Installation Study Material in Hindi:- NIELIT (DOEACC) CCC Study Material (Computer Course on Concept) की आज की पोस्ट में हम आपको एंटीवायरस सॉफ्टवेयर और उसका इंस्टालेशन (Antivirus Software and Its Installation) कैसे करते है बताने जा रहे है जो CCC Exam Question Answer Paper 2018 के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है | CCC Study Material in English में पढ़ने के लिए हमने अभ्यर्थियो को उपर मेन्यु में ही CCC Study Material in English PDF and Download करने का लिंक दिया हुआ है जहाँ से आप CCC Question Paper With Answer भी पढ़ सकते है |

एंटीवायरस सॉफ्टवेयर और उसका इन्सटॉलेशन  (Antivirus Software and its Installation) (CCC Study Material)

CCC Question Answer in Hindi में पढ़े 

  B.0   परिचय वायरस एक प्रोग्राम है जो प्रोग्रामर्स के द्वारा बनाय जाता है और जिसकता प्रयोग एक कम्प्यूटर सिस्टम के कार्यो को प्रभावित करने के लिए होता है। वायरस कोड के लिखे जाने के बाद, इसे मौजूद प्रोग्राम के नीचे छिपा दिया जाता है कॉपीज को सिस्टम के अन्य प्रोग्राम्स के साथ अटैच करके रेप्लिकेट (replicate)  करने लगता है। नेटवर्क परिवेश (environment) वायरस बहुत ही कम पाए जाते हैं।

B.1 वायरस के अटैक कैसे रोगा जा सकता है? (How to Prevent Virus Attack?) (CCC Study Material in Hindi)

एक कम्प्यूटर सिस्टम में वायरल अटैक को रोकने के लिए कोई भी व्यक्ति ये तीन कार्य कर सकता है। ये कार्य हैः
  1. शेयरिंग को सीमित करना (Limit Sharing):  आप एक नेटवर्क सिस्टम में एक पोस्ट ऑफिस की तरह का कम्यूनिकेटिंग इन्फॉर्मेशन डोमेन बनाकर रसूचना के फ्लो को सीमित कर सकते हैं जिससे आप शेयरिंग को भी सीमित कर सकते हैं।
  2. ट्राजिटिविटी (वहनियता/परिवहन) को सीमित करना (Limit Transitivity):  एक सिस्टम जिसमें सूचना के असीमित रास्ते (Paths) होते है, ट्रॉजिटिविटी को सीमित करने शायद प्रभाव पड़ेगा यदि यूजर सभी उपलब्ध रास्तों का इस्तेमाल नहीं करता है। चूँकि किन्हीं दो यूजर्स के बीच में हमेशा एक सीधा रास्ता रहता है, अतः संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहता है। एक उदाहरण के तौर पर एक सिस्टम में, जहाँ ट्रांजिटिविटी 1 दूरी तक सीमित है, यह सुरक्षित है कि सूचना को आपके विश्वासपात्र किसी भी एक यूजर से शेयर करें बिना इस बात की परवाह के कि क्या उस यूजर ने दूसरे यूजर पर विश्वास करके गलत किया।
  3. कार्यकारित को सीमित करना (Limit Functionality): पूरी तरह से रोकने का अंतिम विकल्प है संवेदनशील डाटा स्रोतों  (sensitive data sources)  की कार्यकारिता को सीमित करना। अधिकांश यूजर्स, उन्हें दी जाने वाली जनरल परपस (general purpose)  क्षमताओं का पूर्ण रूप से उपयोग नहीं करते हैं और यह बचावकर्ता के लिए बहुत बड़ा लभ होगा यदि सीमित कार्य ही ऐप्लाई किए जा सकें। लेकिन सभी मॉडर्न सॉफ्टवेयर पैकेजेस जनरल परपस कार्यो की अनुमति देते हैं, जिनमे अधिकतर ऐप्लीकेशन प्रोग्राम्स जैसे डाटाबेसेज, स्प्रेडशीट्स, एडीटर्स और मेल सिस्टम्स आदि शामिल हैं।

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B.1.1 :- वायरस के विभिन्न प्रकार  (Different Type of Viruses)

वायरस निम्न प्रकार के हो सकते हैः
  1. एक प्रकार का वायरस exe फाइल्स को ही इन्फेक्ट करता है, और उसमें एक बाहरी स्ट्रिंग (foreign string)  ऐड करता है ताकि जब वो ऐक्जीक्यूट (execute) हों, तब वायरस भी रन हो  जाए और अपना गलत काम शुरू करो।
  2. दूसरी तरह का वायरस एक पीसी के दूसरे में फ्लापी डिस्क के द्वारा या किसी अन्य माध्यम से पहुँचता है और जब एक पीसी को इस प्राकर की इन्फेक्टेड (संक्रमित) फ्लॉपी के द्वारा बूट किया जाता है, तब वायरस स्वयं को उस पीसी के बूट सैक्टर में कॉपी कर लेता है। उस तरीके पर निर्भर करके, जिसके द्वारा यह कम्प्यूटर सिस्टम को इन्फेक्ट करता है, वायरसेज को निम्न प्रकार से वर्गिक्रत किया जा सकता है।
  3. ट्रोज़न हौर्स (Trojan Horse): यह एक  प्रोग्राम् है  जो ऐसा भ्रम पैदा करता है कि वह कुछ उपयोगी कर रहा है लेकिन वास्तव में यह हानिकारक प्रभाव डालता है, जैसे एक सिक्योरिटी होल (Hole) खोलना, ई-मेल के द्वारा स्वंय को फैसाना या फाइल्स को डिलीट या नष्ट (damage) करना।
  4. मेलर (Mailer): मेलर एक प्रकार का वॉर्म (worm) है जो स्वयं को ई-मेल के साथ अटैच कर लेता है जो एक यूजर भेजता है।
  5. मास मेलर (Mailer): मेलर एक तरह का वॉर्म (worm) है जो ऑटोमैटिक रूप से स्वयं को एक यूजर के ई-मेल ऐड्रेस बुक से मल्टीपल ऐड्रेसेज में भेजता है।
  6. वॉर्म (Worm) यह एक प्रोग्राम है जो अपनी ही कॉपीज बनाकर भेजता जाता है और इसी से फैलता है और इसी से फैलता है। यह कोई भी अतिरिक्त नुकसान नहीं कर सकता है औऱ कर भी सकता है।
  7. बैकडोर (Backdoor): यह एक प्रोग्राम है जो सूचना को इसके बनाने वाले को ही इन्फेक्टेड सिस्टम से होकर वापस भेज दिता है, जिससे उस व्यक्ति को इन्फेक्टेड सिस्टम रको हैक करना और उस पर कंट्रोल करना या संवेदनशील डाटा को पढ़ना आसान हो जाता है।
  8. ब्लेंडेड थ्रेट (Blended threat): यह वायरस ऊपर बताए गए सभी तरह के इन्फेक्शन के एक काँबिनेशन पर कार्य करता है। उदाहरण के लिए, एक वॉर्म जो बूट सैक्टर को इन्फेक्ट करता है, महत्वपूर्ण फाइल्स को डिलीट करता है, और/या एक सिक्योरिटी बैक डोर खोलता है, एक ब्लेंडेड थ्रेट बन जाता है। अधिकाश वायरस जो आजकल सर्कुलेट (circulate) हो रहे हैं, ब्लेंडेड थ्रेट्स हैं, अतः वो एक कैटेगरी में नही डले जाते हैं। यहा इन्हें अधिक खतरनाक, आलसानी से फैलने वाला एवं मुश्किल से हटाए जाने वाला भी बनता है।

B.1.2    एक वायरस अटैक के लक्षण (Symptoms of Virus  Attack) (NIELIT CCC Study Material)

नीचे एक वायरस अटैक के कुछ लक्षण दिए जो यदि आप अपने पीसी  पर डिटेक्ट (detect) करते हैं, तो आपको वायरस इन्फेक्शन का संदेह होना चाहिए।
  1. आपको एक ई-मेल मिलता है ऑड (odd) अटैचमेंट के साथ और आपने इसे अप्रत्याशित रिजल्ट के साथ खोल लिया है, जैसे कुछ ऑड डायलॉग बॉक्सेज का दिखना या सिस्टम की परर्फोमेंस में अचानक कमी आ जाना।
  2. पीसी पर एक एंटीवायरस प्रोग्राम इन्स्टॉल नहीं होता है (या लगता है कि इन्स्टॉल हो गया है, पर चलता नहीं है), जबकि अन्य प्रोग्राम्स चलते हैं।
  3. एक एंटी वायरस प्रोग्राम, डिसेबल (disable) कर दिया गया है। (शायद नोटिफिकेशन एरिया में इसके आयकन के ऊपर एक X दिखाई दे) औऱ आप इसे इनेबल (enable) करने में असमर्थ हैं। सिस्टम एक ऐरर कंडिशन दिखा भी सकता है और नहीं भी।
  4. ऑड डायलॉग बॉक्सेज अक्सर . कभी-कभी स्क्रीन पर दिखते रहते हैं।
  5. आपने जो अटैचमेंट हाल ही मे खोला है, उसमें एक डबल एक्सटेंशन होता है, जैसे jpg.vbs I  डबल एक्सटेंशन वाली फाइलों का पता लगाने के लिए आपको इन विंडोज में the display of extension for known file types  को स्विच ऑन करना पड़ेगा। ऐसा करने के लिए, पहले टूल्स मेन्यू में जाओ, ऑप्शन्स पर क्लिक करो। और व्यू टैब पर स्थित चैक बॉक्स Hide Extensions for known file types  को डीसिलेक्ट करो।
  6. कई फाइल्स खो गई हैं, खासतौर से वो जो एक कॉमन टाइप की हैं। उदाहरण के तौर पर, कुछ वायरसेज, एक खास प्रकार की सभी ग्राफिक फाइल्स को डिलीट कर देते हैं।
  7. आप नोटिस करते हैं कुछ नए यूजर्स की उपस्थिति जिनके पास फुल सिक्योरिटी पर्मिशन्स (Permissions) (अनुमति) को नोटिस करते है।
  8. माउस पॉइंटर अपने आप ही अलग रूप में बदल जाता है।
  9. ऑड आयकन्स डेस्कटॉप पर दिखाई देते हैं यधपि आपने उन्हें वहाँ नहीं रखा है या आपने कोई भी नए ऐप्लीकेशन्स बाद में इन्स्टॉल नहीं किए हैं।
  10. बिना किसी कारण के स्पीकर्स से अजीब से आवाजों या म्यूजिक बजने लगता है।
  11. फाइल्स पर फाइल साइज या डेट/टाइम के स्टेप्स बदल गए हैं जो आपको पता है कि आपने नहीं बदले थे।
  12. आपके दोस्त बताते हैं कि उन्हे आपके ऐड्रेस से अजीब ई-मेल मिल रहे हैं जिसमें ऑड अटैचमेंट्स या वायरस हैं।
  13. आपका पीसी स्वयं ही कुछ कार्य करना शुरू कर देता है जैसे माउस पॉइंटर को मूव करना, विंडोज को खोलना या बंद करना, प्रोग्राम्स रन करना या CD ट्रे को खोलना या बंद करना।
  14. विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम स्टार्ट नहीं होता है कारण कुछ महत्वपूर्ण सिस्टम फाइल्स खो गई हैं।
  15. आपका पीसी अचानक बहुत धीमे चलने लगता है और/या स्टार्टआप के लिए अधिक समय लेता है।
जब आप सिस्टम प्रोसेसेज को टास्क मैनेजर के द्वारा देखते हैं तब आप नोटिस करते हैं कि एक अनजीनी प्रोसेसे में सीपीयू के समय का ज्यादा प्रोतिशत लग रहा है। एंटीवायरस सॉफ्टवेयर वही कार्य करता है, अतः आपका निर्णय कई बातों पर टिका होना चाहिए जैसे सिफारिशें recommendations)  खास फीचर्स, उपलब्ध्ता, और या कीमत।

B.1.3  एंटी वायरस प्रोग्राम्स का प्रयोग करके वायरस को हटाना (Virus Removal using Antivirus Programs) (DOEACC CCC Study Material)

एंटीवायस सॉफ्टवेयर कई वायरसेज को पहचान कर ब्लॉक कर देता है, इससे पहले कि वो आपके कम्प्यूटर के इन्फेक्ट करें। लेकिन, यह महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर कुछ पैटर्न्स  के लिए, जो एक इन्फेकशन की और  इशारा कर सकते है, फाइल्स और आपके कंम्प्यूटर की मेमोरी को स्कैन करते हैं। जो  पैटर्न ये खोजता है, वह जाने पहचाने वायरस के सिग्नेचर या परिभाषा (definition)  पर आधारित होता है। वायरस के लेखक (authors) लगातार नए औऱ अपडेटेड कम्प्यूटर रपर सबसे आधुनिक (latest) परिभाषा (definition) इन्स्टॉल होनी चाहिए। कई एंटीवायरस पैकेजेस में एक ऐसा ऑप्शन शामि है जो ऑटोमैटिक रूप से अपडेटेड वायरस डेफिनीशन्स प्राप्त करता है। चूँकि इस तरीके  से, नई सूचना प्रोग्राम में अक्सर ऐड होती रहती है, यह एक अच्छा आइडिया है कि इस ऑप्शन का फायदा उठाया जाए। यह भी अच्छा आइडिया है कि आप के पास जितनी फाइल्स आती है, किसी भी बहारी सोर्स से , उन्हें खोलने से पहले आप मैनुअली उन्हें स्कैन करें। इसमें निम्न शामिल हैः
  1. ई-मेल अटैचमेंट्स या वेब डाउनलोड्स को सेव और स्कैन करना, बजाए उन्हें सीधे सोर्स से खोलने का ऑप्शन सिलेक्ट करें।
  2. कोई भी फाइल खोलने से पहले, मीडिया को वायरस के लिए स्कैन करें, जिसमें सीडी एंव डीवीडी (CD and DVDs) शामिल हैं।

B.1.4 एंटीवायरस सॉफ्टवेयर चुनना (Choosing Antivirus Software) (DOEACC CCC Study Material in Hindi

कई वेंडर्स (Vendors)  हैं जो एंटीवायरस सॉफ्टवेयर बनाते हैं और यह निर्णय लेना कठिन है कि इनमे से किसे चुनें। नीचे कुछ एंटीवायरस वेंडर्स की लिस्ट दी जा रही है।
  1. अलाददीन नॉलेज सिस्टम्स (Aladdin Knowledge Systems)
  2. एवीजी (AVG)
  3. सेंट्रल कमाडं, इंक (Central Command, Inc)
  4. कम्प्यूटर ऐसोशिएट्स इंटरनेशनल,इंक. (Computer Associates Inter- national, Inc.)
  5. फ्रिस्क सॉफ्टवेयर इंटरनेशनल (Frist software International )
  6. एफ-सीक्योर कॉर्पेरेशन (F-secure Corporation)
  7. मैकेफे (MCAFEE (A Network Associates Company))
  8. नेटवर्क एसोशिएट्स,इंक ( N etwork Associates,Inc.)
  9. नॉर्मन डाटा डिफेंस सिस्टम्स (Norman Data DEFENCE Systems)
  10. पांडा सॉफ्टवेयर (Proland Software)
  11. प्रोलैंड सॉफ्टवेयर (PROLAND SOFTWARE)
  12. सोफोज (SOPHOS)

B.2     एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को इन्स्टॉल कराने की प्रक्रिया  (Anti-virus Software INSTAL- LATION) (CCC Study Material PDF Download in Hindi)

विंडोज में Symantec  एंटीवायरस का प्रयोग करने के लिए, आपको निम्न चाहिएः
  1. एक मशीन जिसमें विंडोज ME.NT.2000 या XP या और भी आगे के वर्जन चलते हैं।
  2. विंडोज 98,ME,NT,2000 और xP के लिए 40 MB की उपलब्ध हार्ड ड्राइव स्पेस।
  3. एक ऐक्टिव इंटरनेट कनेक्शन
विंडोज पर Symantec एंटीवायरस इन्स्टॉल करने के लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करना होगाः
  1. अन्य सभी एंटीवायरस और फायरवॉल ऐप्लीकेशनस् को डिसेबल (disable) या अनइन्स्टॉल (uninstall) करो, कारण वो इन्स्टॉलेशन की प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर सकते हैं।
  2. आपकी मशीन पर खुले हुए सभी प्रोग्राम्स बंद करो, जिससे आपका कोई अनसेव्ड (unsaved) कार्य नष्ट न हो जाए, जब आप इन्स्टॉलेशन के दौरान मशीन को रीस्टार्ट करते हैं।
  3. यदि आप विंडोज NT\/2000/XP का प्रयोग कर रहे हैं, तो ऐडमिनिस्ट्रेटर की तरह लॉगइन करो, या एक यूजर की तरह जिसके पास ऐडमिनिस्ट्रेटिव प्रिविलेजेस (PREVILEGES) हो।
  4. इन्स्टॉलर (installer) पर डबल क्लिक करो। Symantec एंटीवायरस फोल्डर पर डबल क्लिक करो।
  5. जब इन्स्टॉलर स्क्रीन दिखाई दे तब नेक्स्ट (Next) पर क्लिक करो।
  6. लाइसेंस ऐग्रीमेंट स्क्रीन पढ़ो औऱ यदि आप इससे सहमत हैं, तो I accept the terms of License agreement चैकबॉक्स पर क्लिक करो।
  7. नेक्स्ट पर क्लिक करो ताकि डिफॉल्ट सैटिंग्स का प्रयोग करके सभी कंपोनेंट्स को इन्स्टॉल किया जा सके, या कस्टम (Custom) पर क्लिक करो ताकि कम्पोनेंट्स और इन्स्टॉलेशन पाथ (Path) बताया जा सके।
  8. नेटवर्क सैटअप टाइप विंडो में, अनमैनेज्ड (Unmanaged) को सिलेक्ट करो और फिर नेक्स्ट पर क्लिक करो।
  9. यदि आपने मैनेज्ड (Managed) को चुना, तो मैनेजमेंट सर्वर के DNS नाम को या IP ऐड्रेस को सिलेक्ट सर्वर विंडो में एंटर करो।
  10. यदि आपके पास एक ऐक्टिव इंटरनेट कनेक्शन है, तो Run Live Update सिलेक्ट करो ताकि इंटरनेट से लेटेस्ट वर्जन (latest version) गा सॉफ्टवेयर प्राप्त किया जा सके और इन्स्टॉलेशन के दौरान आपकी वायरस डेफिनिशन फाइल्स को अपडेट किया जा सके।
  11. नेक्स्ट पर क्लिक करो और फिर इन्स्टॉल पर क्लिक करो।
  12. यदि आपने ऊपर Run Live Update सिलेक्ट किया है, तो इन्स्टॉलर ऑटोमैटिक रूप से Live Update  प्रोग्राम लाँच करेगा। नेक्स्ट पर क्लिक करो ताकि Symantec के साथ Live Update  को लेटेस्ट वायरस डेफिनिशन्स (latest virus definitions) के लिए चैक किया जा सके। जब अपडेट कम्प्लीट (complete) हो जाए तो फिनिश्ड (finished) पर क्लिक करो।
  13. Symantec Antivirus- Installshield Wizard विंडो में फिनिश पर क्लिक करो ताकि इन्स्टॉलेशन प्रक्रिया पूरी की जा सके।

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